Bareilly Violence: बरेली में हुए बवाल के मामले में मुख्य आरोपी इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. फिलहाल, मौलाना का ठिकाना फतेहगढ़ सेंट्रल जेल ही रहेगा. मंगलवार को सीजेएम कोर्ट सहित स्थानीय अन्य कोर्ट में 11 मुकदमों की सुनवाई के दौरान मौलाना की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी कराई गई. मौलाना के साथियों को बरेली जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया.
कोर्ट ने सभी की न्यायिक हिरासत 11 नवंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया है. पुलिस ने तर्क दिया है कि मौलाना तौकीर रजा की जमानत से मुकदमों की विवेचना प्रभावित हो सकती है. अभी सभी मुकदमों के विवेचक मौलाना का बयान ही दर्ज नहीं कर सके हैं. इसलिए मौलाना को जमानत न दी जाए. वहीं, मौलाना के अधिवक्ताओँ ने बीमारी व स्वास्थ्य के मद्देनजर जेल से बाहर लाने की जरूरत बताई थी.
कोतवाली में दर्ज पांच मुकदमों के विवेचक फतेहगढ़ जेल में जाकर मौलाना तौकीर रजा के बयान दर्ज कर चुके हैं. छठे मुकदमे में दो दिन बाद बयान दर्ज होंगे. सोमवार को दो विवेचक वहां से बयान दर्ज कर लौट आए. अब स्टेशन चौकी प्रभारी गौरव अत्री को वहां जाकर मौलाना तौकीर रजा के बयान दर्ज करने हैं. सीओ प्रथम आशुतोष शिवम ने बताया कि यह क्रम जारी रहेगा.
बरेली में 26 सितंबर को हुआ था बवाल
मालूम हो कि बरेली शहर में 26 सितंबर को आई लव मोहम्मद के समर्थन में मौलाना तौकीर रजा खां के बुलावे पर भीड़ जुटी थी. पुलिस का दावा है कि भीड़ ने दुकानों और वाहनों में तोड़फोड़ की थी. भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी थी. आंसू गैस के गोले दागे गए थे. पुलिस के अनुसार, इस बवाल में 22 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. बवाल के बाद अलग-अलग थानों में पुलिस ने 11 मुकदमे दर्ज किए थे. मौलाना तौकीर सभी मुकदमों में आरोपी है.