दुर्ग: STF ने पहचान छुपाकर रह रही दो बाग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

दुर्ग: छत्तीसगढ़ से बाग्लादेशी महिलाओं की गिरफ्तारी की खबर सामने आई है. यहां एसटीएफ की टीम ने दुर्ग के जयंती नगर में पहचान छुपाकर रह रही दो बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया है. इन घुसपैठियों द्वारा अपनी पहचान छुपाने के लिए फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज बनवाया गया है. पुलिस ने इन महिलाओं के विरुद्ध विदेशी नागरिक विषयक अधिनियम 1986 एवं भारतीय पासपोर्ट अधि. 1967 एवं पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधि. 1920 के तहत कार्रवाई की है. मालूम हो कि इसके पहले पुलिस ने भिलाई में तीन बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था.

सूचना पर पूछताछ के लिए पहुंची एसटीएफ

24 मई को एसटीएफ की टीम को सूचना मिली की जयंती नगर दुर्ग में दो संदिग्ध बांग्लादेशी महिला अपना मूल पहचान छुपाते हुए, सपना शर्मा एवं रानी पासवान के नाम से रह रही हैं. इस सूचना पर पूछताछ के लिए पहुंची एसटीएफ की टीम ने दोनों महिलाओं के कब्जे से प्राप्त दस्तावेज एवं मोबाइल डाटा की विस्तृत जांच की.

जांच में पाया गया कि सपना शर्मा उर्फ सपना मंडल का वास्तविक नाम सनाया नूर है, जो मूलतः जोरहाट जिला दीनाजपुर बाग्लादेश की रहने वाली है. लगभभ 15 वर्ष पूर्व भारत बाग्लादेश सीमा को अवैध रूप से पार कर बिना वैध दस्तावेज के विगत आठ वर्षों से चंगोराभाठा रायपुर में रह रही है.

सनाया नूर ने अपनी मूल पहचान को छिपाते हुए स्वयं को भारतीय नागारिक सिद्ध करने के लिए वर्ष 2019 में कूटरचना कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर अभय शर्मा नाम के व्यक्ति को अपना पति बताकर फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड एवं मतदाता परिचय पत्र तैयार की है.

इसी प्रकार बाग्लादेशी महिला रानी पासवान उर्फ खुशबू से पूछताछ पर उसका नाम खुशबू बेगम पिता जेर मोहम्मद निवासी जोबरहाट जिला दिनाजपुर बाग्लादेश का मूल निवासी होना पाया गया. साथ ही उसके द्वारा लगभग 15 वर्ष पूर्व अवैध रूप से बिना वैध दस्तावेज के बाग्लादेश से भारत में प्रवेश कर रहना पाया गया.

इस दौरान उसके द्वारा उत्तरीदीनाजपुर पश्चिम बंगाल एवं आसनसोल जिला वर्धमान, पश्चिम बंगाल में अलग-अलग जन्म तिथि और स्वयं को मूल निवासी होना बताते हुए फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेजो के आधार पर आधार कार्ड तैयार किया जाना पाया गया. पुलिस ने बताया कि प्रकरण में दोनो बाग्लादेशी नागरिकों द्वारा तैयार किए गए फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज बनाने में सहयोग करने वाले व्यक्तियों की पहचान कर उनके विरूद्ध भी कार्यवाही की जा रही है.

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