Goa Fire: बुलडोजर से ध्वस्त किया जाएगा सौरभ-गौरव लूथरा का नाइट क्लब, इंटरपोल ने जारी किया ब्लू कॉर्नर नोटिस

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Goa Nightclub Fire: गोवा के नाइट क्लब अग्निकांड की घटना को लेकर सरकार की त्योरी चढ़ी हुई है. गोवा के नाइट क्लब बिर्क बाय रोमियो लेन पर बुलडोजर प्रहार करते हुए ध्वस्त किया जाएगा. सीएम प्रमोद सावंत ने ये आदेश दिया है. गोवा सीएमओ ने एक बयान जारी कर बताया कि इंटरपोल ने भी नाइट क्लब के मालिकों गौरव और सौरभ लूथरा के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. गोवा पुलिस ने दोनों के खिलाफ इंटरपोल का ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए सीबीआई से संपर्क किया था.

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि CM सावंत ने उत्तरी गोवा जिला प्रशासन को सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद नाइट क्लब को गिराने का निर्देश दिया है. अधिकारी ने कहा, ‘यह नाइट क्लब सरकारी जमीन पर गैर-कानूनी तरीके से बना है. इसे मंगलवार को गिरा दिया जाएगा. जिला प्रशासन ने सारी मशीनरी तैयार रखी है.’

दोनों मुख्य आरोपियों के थाईलैंड के फुकेट भागने का दावा
गोवा पुलिस ने सोमवार को बताया कि सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा हादसे के कुछ घंटों बाद थाईलैंड के फुकेट भाग गए. इंटरपोल का ब्लू कॉर्नर नोटिस किसी व्यक्ति की पहचान, लोकेशन या क्रिमिनल जांच के संबंध में उसकी गतिविधियों के बारे में और जानकारी इकट्ठा करने के लिए जारी किया जाता है.

मालूम हो कि बीते रविवार को गोवा के अरपोरा गांव में स्थित नाइट क्लब बिर्क बाय रोमियो लेन में भीषण आग लग गई थी. आग की इस घटना में 25 लोगों की मौत हो गई थी. जिस नाइट क्लब में आग लगी, उसमें अवैध निर्माण की कई वर्षों से शिकायत मिल रही थी. जिस जगह नाइट क्लब बर्च बाय रोमियो लेन बना था, उस जमीन के मालिक प्रदीप अमोनकर ने ये खुलासा किया.

अमोनकर ने बताया कि उन्होंने वर्ष 1994 में अरपोरा गांव में दो प्लॉट लिए थे और वर्ष 2004 में उन्होंने सुरिंदर कुमार खोसला के साथ इस प्लॉट को बेचने का समझौता किया था, लेकिन 6 महीने बाद ये सौदा खारिज हो गया, क्योंकि खोसला पैसों का भुगतान नहीं कर सके. इसके बावजूद खोसला ने इस जमीन पर नाइट क्लब बनाया, जिसे बाद में सौरभ और गौरव लूथरा ने ले लिया. फिलहाल, ये दोनों ही यहां बिर्क बाय रोमियो लेन नाइट क्लब का संचालन कर रहे थे.

अमोनकर का आरोप है कि सुरिंदर खोसला इस पूरे मामले में मुख्य आरोपी है. उन्होंने दावा किया कि खोसला देश छोड़कर भाग सकता है. वहीं, राज्य प्रशासन ने स्थानीय पंचायतों पर अवैध निर्माण की मंजूरी देने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि नाइट क्लब के बिजली कनेक्शन, पानी कनेक्शन और भवन मरम्मत की एनओसी पर हस्ताक्षर किए. नाइट क्लब का ट्रेड लाइसेंस भी मार्च 2024 में खत्म हो गया था, लेकिन इसके बावजूद नाइट क्लब का संचालन हो रहा था.

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