IndiGo Crisis: इंडिगो एयरलाइन में परिचालन संकट को दूर करने की कोशिशों के बाद भी लगातार लगातार छठे दिन संकट जारी है. रविवार को भी दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर 220 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं. इंडिगो में जारी संकट की वजह से बीते छह दिनों में करीब 3000 उड़ानें रद्द हुई हैं, जिससे देश में हवाई यातायात जबरदस्त रूप से प्रभावित हुआ है. इससे लाखों यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
इसको लेकर सरकार का रुख सख्त हो गया है. सरकार ने इंडिगो संकट पर जारी किए आदेश-निर्देश ने कहा है कि कंपनी को पैसे रिफंड करने और कैंसिल या रुकी हुई फ्लाइट्स के लिए पूरा रिफंड प्रोसेस 7 दिसंबर को रात 8 बजे तक पूरा करनी होगी. अगले 48 घंटों में पैसेंजर के बैगेज को ट्रेस करके डिलीवर करना होगा.
रविवार को मुंबई एयरपोर्ट पर कम से कम 112 और दिल्ली एयरपोर्ट पर 109 उड़ानें रद्द हुईं. इससे पहले शुक्रवार को इंडिगो की करीब 1,600 उड़ानें रद्द हुईं. हालांकि, शनिवार को रद्द उड़ानों की संख्या घटकर करीब 800 रह गई. इंडिगो संकट पर अब सरकार ने भी सख्त रुख अपना लिया है और इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और सीओओ और अकाउंटेबल मैनेजर पोर्केरास को शनिवार को डीजीसीए ने नोटिस जारी कर परिचालन संकट पर 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है. डीजीसीए ने नोटिस में कहा है कि बड़े पैमाने पर परिचालन योजना बनाने की असफलता और संसाधन प्रबंधन की चूक दिखाई देती है.
इस नोटिस में कहा गया है कि इंडिगो में जारी संकट का मुख्य कारण नए एफडीटीएल नियमों को लागू करने के लिए सही इंतजाम न किया जाना है. इंडिगो के परिचालन में लगातार पांचवें दिन रुकावट जारी रहने पर, नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के और पीटर एल्बर्स के साथ बैठक करते हुए हालात की समीक्षा की. बैठक में इंडिगो के सीईओ से यह भी पक्का करने को कहा गया कि एयरलाइन एक तय समयसीमा में नए एफडीटीएल नियमों का पालन करे.