Indian Railways Bridges: भारतीय रेल मंत्रालय ने संसद को जानकारी दी कि वर्ष 2022 से अक्टूबर 2025 तक भारतीय रेलवे ने कुल 8,039 पुलों का मरम्मत, पुनर्वास, मजबूतीकरण या पुनर्निर्माण किया है. यह विवरण रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 5 दिसंबर को राज्यसभा में लिखित रूप में साझा किया. रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे अब ब्रिज मैनेजमेंट सिस्टम (BMS) का इस्तेमाल करता है. इस डिजिटल पोर्टल पर हर पुल की डिजाइन, निर्माण, रखरखाव और निरीक्षण का पूरा रिकॉर्ड रखा जाता है. इसी आधार पर मरम्मत और मजबूती का काम तय किया जाता है.
साल में दो बार अनिवार्य जांच
भारतीय रेलवे में प्रत्येक पुल की साल में दो बार निरीक्षण किया जाता है – एक बार मानसून से पहले और दूसरी बार मानसून के बाद विस्तार से जांच के लिए. पुलों की स्थिति के आधार पर उन्हें क्रमिक नंबर दिए जाते हैं. जिन्हें कमजोर पाया जाता है, उनके लिए अतिरिक्त जांच और तकनीकी ऑडिट भी करवाया जाता है, ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
सबवे और रोड अंडर ब्रिज की देखरेख
रेल मंत्री ने बताया कि सबवे और रोड अंडर ब्रिज की भी मानसून से पहले और बाद में जांच की जाती है. पानी भरने की समस्या से बचने के लिए रेलवे ने कई कदम उठाए हैं. इनमें बेहतर ड्रेनेज सिस्टम, जोड़ सील करना, क्रॉस-ड्रेन बनाना, हंप लगाना और हाई-कैपेसिटी पंप लगाना शामिल है.
सुरक्षा और सुविधा पर जोर
रेलवे का कहना है कि इन उपायों से न केवल यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि उनकी सुविधा भी बेहतर होगी. पुलों की नियमित निगरानी और आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से पूरे रेलवे नेटवर्क की मजबूती और विश्वसनीयता में वृद्धि होगी.