जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फट गया. इसकी वजह से बड़े पैमाने पर बाढ़ आ गई है. बादल फटने से अब तक 30 लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों के अनुसार, अब तक 30 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं. राहत और बचाव कार्य जारी है. हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया है कि चशोती क्षेत्र में बादल फटा है. जिससे बड़े पर नुकसान हो सकता है.केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रशासन तुरंत कार्रवाई में जुट गया है. बचाव दल घटनास्थल के लिए रवाना गया है. नुकसान का आकलन किया जा रहा है.
केंद्रीय मंत्री ने इस मामले में किश्तवाड़ के डीसी पंकज कुमार शर्मा से बात की है. उन्होंने स्थानीय विधायक और जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील कुमार शर्मा से भी मामले की बातकी है.
जम्मू-कश्मीर में नेता प्रतिपक्ष और पद्द-नागसेनी के विधायक सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि हमारे पास अभी तक संख्या या डेटा नहीं है, लेकिन वहां भारी नुकसान की आशंका है. यात्रा जारी होने के कारण इलाका भीड़भाड़ वाला है. मैं उपराज्यपाल से बात करुंगा और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएप टीम की मांग करुंगा.
#WATCH | J&K | A flash flood has occurred at the Chashoti area in Kishtwar, which is the starting point of the Machail Mata Yatra. Rescue Operations have been started. pic.twitter.com/dQbUBx46A9
— ANI (@ANI) August 14, 2025
एलजी मनोज सिन्हा ने जताया दुख
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घटना पर दुख जताया है. उन्होंने कहा, “चोसिटी किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना से व्यथित हूं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. सिविल, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ अधिकारियों को बचाव और राहत अभियान को मजबूत करने और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया है.”
बादल फटते ही उत्पन्न हुई बाढ़ की स्थिति
जम्मू संभाग के कई जिलों में सुबह से ही तेज बारिश हो रही थी, लेकिन किश्तवाड़ में हुई तेज बारिश के बीच जैसे ही चिशौती में बादल फटा, वहां पर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई. आपको बता दें कि चिशौती वही स्थान है, जहां से मचैल माता यात्रा शुरू होती है.
बाढ़ की स्थिति देख लोगों में मची अफरा-तफरी
इस जगह पर कई लंगर भी लगते हैं. जैसे ही बादल फटा और लोगों ने बाढ़ की स्थिति देखी तो क्षेत्र में शोर-शराबा के बीच अफरा-तफरी मच गई. कई लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित जगहों की ओर भागे, लेकिन बाढ़ में कुछ लंगरों में तबाही की सूचना है. कहा जा रहा है कि एक लंगर के टेंट व अन्य सामान भी बाढ़ में बह गया.
मालूम हो कि इन दिनों किश्तवाड़ के पाडर क्षेत्र में स्थित मचैल माता की यात्रा जारी है. इस यात्रा में देश के विभिन्न कोनों से लाखों लोग हर वर्ष शामिल होते हैं.