रांची: झारखंड ATS के साथ बड़ी सफलता लगी है. झारखंड पुलिस की आतंकवाद निरोधक दस्ता ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के एक और संदिग्ध को धनबाद से दबोच लिया है. इस प्रकार एक सप्ताह के अंदर धनबाद से गिरफ्तार संदिग्धों की संख्या पांच हो गई है. गिरफ्तार पांचवां संदिग्ध अम्मार याशर है. यह धनबाद जिले के भूली ओपी क्षेत्र के शमशेर नगर का निवासी है.
गिरफ्तार अम्मार शायर के मोबाइल कई संदिग्ध दस्तावेज
गिरफ्तार अम्मार शायर के मोबाइल में प्रतिबंधित संगठन से संबंधित कई संदिग्ध दस्तावेज पाए गए, जिन्हें विधिवत जब्त किया गया है. पूछताछ करने पर उसने बताया है कि वह पूर्व में इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ा था. इस आरोप में उसे 2014 में जोधपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. करीब 10 वर्षों तक जेल में रहने के बाद मई 2024 में वह जमानत पर जेल से बाहर आया था.
इसके बाद धनबाद के अपने साथी आयान जावेद व अन्य आरोपितों के संपर्क में रहकर वह आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर संगठन से जुड़ा था. अम्मार याशर के विरुद्ध पूर्व में तीन अलग-अलग कांड दर्ज हैं.
इस मामलों में राजस्थान के जयपुर स्थित एसओजी में वर्ष 2024 में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व यूएपीए की धाराओं में दर्ज प्राथमिकी, वर्ष 2019 में वहीं के लालकोठी थाने में कारा अधिनियम व राजस्थान के जोधपुर स्थित प्रतापनगर थाने में वर्ष 2014 में दर्ज प्राथमिकी शामिल हैं.
अम्मार याशर की ऐसे हुई गिरफ्तारी
झारखंड एटीएस को गुप्त सूचना मिली थी कि हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी), अलकायदा इन इंडियन सबकांटिनेंट (एक्यूआइएस) व आइएसआइएस तथा अन्य प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े कुछ व्यक्ति राज्य के अन्य युवकों को अपने नेटवर्क से जोड़कर इंटरनेट मीडिया व अन्य माध्यमों से गुमराह कर रहे हैं.
वे अवैध तरीके से हथियारों का व्यापार व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को भी संचालित कर रहे हैं. इस सूचना से प्राप्त तथ्यों के आधार पर एटीएस ने 26 अप्रैल को धनबाद जिले के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान धनबाद जिले के बैंक मोड़ थाना क्षेत्र से चार आरोपित गुलफाम हसन, अयान जावेद, शहजाद आलम व शबनम परवीन को गिरफ्तार किया गया. इनके पास से हथियार, कारतूस व कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व भारी मात्रा में प्रतिबंधित संगठनों से संबंधित दस्तावेज, पुस्तक बरामद किए गए हैं.
इस संबंध में एटीएस रांची में प्राथमिकी दर्ज कर 27 अप्रैल को न्यायिक हिरासत में भेजा गया. 30 अप्रैल को चारों आरोपितों को रिमांड पर लेकर पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की, जिसमें एक आरोपित अयान जावेद ने पांचवें आरोपित अम्मार याशर की जानकारी दी. इस जानकारी के बाद उसे गिरफ्तार किया गया.