UP News: उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर धार्मिक धर्मांतरण का जाल फैलाने के मामले में पुलिस के चंगुल में आया छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन इस काले कारोबार को बढ़ाने को लेकर पूरी तरह से बेखौफ था. इस मास्टर माइंड को लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. इसी कड़ी में छांगुर बाबा को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. जांच एजेंसियों के अनुसार, छांगुर बाबा खुद को आरएसएस (RSS) से जुड़े एक संगठन का सीनियर पदाधिकारी बताकर अधिकारियों और नेताओं से मिलता था. उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम व फोटो का प्रयोग भी किया.
उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड, हरियाण और महाराष्ट्र तक मतांतरण कराने में सफल रहा छांगुर बाबा अपने गिरोह के चार अन्य सदस्यों के साथ एटीएस की गिरफ्त में है. ईडी के साथ यूपी एसटीएफ उसके गिरोह की जड़े खोखली करने में लगी है. जांच एजेंसियों के अनुसार, छांगुर खुद को आरएसएस से जुड़े एक संगठन का सीनियर पदाधिकारी बताकर अधिकारियों और नेताओं से मिलता था. वह पीएम मोदी की तस्वीर वाला लैटरहेड भी इस्तेमाल करता था, जिससे उसे सरकारी और राजनीतिक तौर पर अलग पहचान मिल सके.
भारत प्रतिकार्थ सेवा संघ का महासचिव बना था छांगुर बाबा
जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा अफसरों और नेताओं को आरएसएस के नागपुर सेंटर से जुड़ी संस्था का पदाधिकारी बताता था. छांगुर अपने आरएसएस से जुड़े एक तथाकथित संगठन “भारत प्रतिकार्थ सेवा संघ” का अवध क्षेत्र का महासचिव बताता था. भारत प्रतिकार्थ सेवा संघ का संचालन उसके मतांतरण गिरोह का सदस्य ईदुल इस्लाम कर रहा था. इस संगठन का नाम जानबूझकर ऐसा रखा गया, जिससे लगे कि यह आरएसएस से जुड़ा है.
नागपुर में खोला था फर्जी सेंटर
ईदुल इस्लाम ने संगठन की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए नागपुर (जहां आरएसएस का मुख्यालय है) में एक फर्जी केंद्र भी खोल रखा था. दोनों आरोपी अपने संबंधों को पुख्ता दिखाने के लिए कई प्रमुख आरएसएस नेताओं के नाम लेते थे.
छांगुर बाबा ने खुद को बताया था निर्दोष
छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन ने बुधवार को अपने खिलाफ लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया कि वह निर्दोष हैं और उन्हें कुछ भी नहीं पता. यह टिप्पणी उस समय आई थी, जब उन्हें एटीएस द्वारा मेडिकल जांच के लिए ले जाया जा रहा था.