Russia: हाल ही में यूरोपीय संघ द्वारा ब्रुसेल्स में हुई बैठक में रूस पर 19वां प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया गया. रूस यूरोपीय संघ के इस कदम से भड़क गया है और रूस ने नए प्रतिबंध को अवैध बताते हुए चेतावनी दी कि इस कदम से यूरोपीय संघ खुद को अलग-थलग कर रहा है. रूस पर यूरोपीय संघ ने जो नए प्रतिबंध लगाए हैं, उनके तहत 2026 तक यूरोपीय संघ के बाजारों तक रूस की एलएनजी की आपूर्ति को प्रतिबंधित कर दिया गया है.
रूस की कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है. साथ ही कथित छद्म तेल बेड़े को भी प्रतिबंधित किया गया है. कुछ रूसी और विदेशी बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. वित्तीय प्रतिबंध लगाए गए हैं और कुछ सामानों के निर्यात पर भी बैन लगा दिया गया है.
यूरोपीय संघ को रूस ने दी चेतावनी
रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि यूरोपीय संघ परिषद ने हमारे देश पर अवैध और एकतरफा प्रतिबंधों के 19वें पैकेज को मंजूरी दी है. यूरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति की प्रतिनिधि काजा कल्लास के बयान का जिक्र करते हुए जखारोवा ने कहा कि यूरोपीय संघ रूस पर और प्रतिबंध लगाने की तैयारी शुरू कर चुका है. जखारोवा ने कहा कि इससे साफ है कि ईयू को ही अपने द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की प्रभावशीलता पर विश्वास नहीं है, लेकिन फिर भी वे लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ एक ऐसे रास्ते पर है, जो और भी ज्यादा विनाशकारी होता जा रहा है.
रूस ने कहा कि यूरोपीय संघ इस बात से अनजान है कि रूस विरोध की लड़ाई में वह खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर रहा है. यूरोपीय संघ ने मनगढ़ंत बहानों के तहत चीन, बेलारूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, यूएई, भारत, थाईलैंड और उत्तर कोरिया के आर्थिक ऑपरेटर्स पर भी विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध लगा दिए हैं. ईयू खुद को खास मानते हुए तीसरे देशों को ब्लैकमेल कर रहा है, लेकिन वैश्विक पुलिसमैन के तौर पर काम करने की यूरोपीय संघ की महत्वकांक्षा से दुनिया में यूरोपीय संघ की भूमिका पर जरूर असर पड़ेगा.

