Karur Stampede: अभिनेता से नेता बने विजय की रैली में तमिलनाडु के करूर में मची भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई थी. तमिलनाडु सरकार और मद्रास हाईकोर्ट के बाद अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. सर्वोच्च न्यायालय ने भगदड़ की CBI जांच कराने के आदेश दिए हैं.
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट को भी फटकार लगाई है. अदालत का कहना है कि जब मामला पहले से मदुरै कोर्ट में चल रहा था, तो मद्रास हाईकोर्ट ने बीच में हस्तक्षेप क्यों किया?
कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से पूछा सवाल
करूर भगदड़ पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से भी सवाल पूछे हैं. सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि राज्य सरकार ने कम जगह का हवाला देते हुए करूर में 10 अक्टूबर को AIADMK को रैली करने की इजाजत नहीं दी थी. ऐसे में 27 अक्टूबर को विजय की पार्टी TVK को रैली की अनुमति कैसे मिल गई?
वहीं, मद्रास हाईकोर्ट से सवाल पूछते हुए जस्टिस महेश्वरी ने कहा, “मैने अपने 15 साल के करियर में ऐसा पहले कभी नहीं देखा कि जो मामला डिवीजन बेंच में चल रहा है, उसपर मद्रास हाईकोर्ट की एक जज की बेंच ने SIT जांच का आदेश कैसे दे दिया?”
सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाने का दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच के अलावा तीन सदस्यों की कमेटी बनाने का भी आदेश दिया है, जो जांच पर नजर रखेगी. इस कमेटी की अध्यक्षता पूर्व जस्टिस अजय रस्तोगी करेंगे. वहीं, कमेटी में IGP रैंक वाले तमिलनाडु कैडर के 2 IPS अधिकारी भी मौजूद होंगे.
अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा…
कमेटी CBI जांच की निगरानी करेगी. साथ ही भगदड़ केस की भी जांच की जाएगी. वहीं, जरूरत पड़ने पर यह कमेटी किसी भी समय सुप्रीम कोर्ट से संपर्क कर सकती है. साथ ही CBI को हर महीने कमेटी के सामने जांच रिपोर्ट पेश करनी होगी.
रैली के दौरान करूर में मची थी भगदड़
मालूम हो कि करूर में एक्टर विजय की रैली में अचानक मची भगदड़ से 41 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे की सटीक वजह अभी सामने नहीं आई है, लेकिन भगदड़ का कारण भीड़ हो सकती है. पुलिस के मुताबिक, करूर के मैदान की क्षमता महज 10 हजार लोगों की थी, लेकिन रैली में 30 हजार के लगभग लोग पहुंच गए. रैली का समय सुबह के लिए निर्धारित किया गया था, हालांकि, विजय 7 घंटे की देरी से शाम को रैली में पहुंचे, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ हो गई.