UP: सोशल मीडिया पर मासूमों का सौदा, गिरोह ऐसा जो अलग-अलग कीमतों में बेच रहे बच्‍चें

Must Read

Selling children: मथुरा में सोशल मीडिया पर मासूमों के सौदेबाजी का मामला सामने आया है. यहां पुलिस ने निसंतानों को बच्चे बेचने वाले आगरा के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. सीडब्ल्यूसी, साइबर सेल, एएचटीयू, किशोर पुलिस शाखा ने जाल बिछाकर इस गैंग को धर दबोचा. फिलहाल, शहर कोतवाली पुलिस ने आगे की कार्रवाई करते हुए तीनों को जेल भेज दिया है.

सोशल मीडिया पर दिखा विज्ञापन

वहीं, एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि बाल कल्याण समिति अध्यक्ष राजेश दीक्षित ने सोशल मीडिया पर 8 दिन पहले एक विज्ञापन दिखा, जिसमें जरूरतमंदों को बच्चे देने की बात कही जा रही थी. विज्ञापन पर मोबाइल नंबर भी दिया था. जिसे देखने के बाद मानव तस्करी विरोधी इकाई, विशेष किशोर पुलिस इकाई व साइबर सेल एक्टिव हो गए.

एएचटीयू प्रभारी ने बिछाया जाल

इसके बाद एएचटीयू प्रभारी ने साइबर सेल की सहायता से इस गिरोह से बच्चा खरीदने के लिए संपर्क करते हुए जाल में बिछाया. प्रभारी खुद को दिल्ली निवासी बताया. करीब छह दिन की कसरत के बाद गिरोह के लोग मथुरा पहुंचे और इन्‍हें दबोच लिया गया. इनके पास से एक नवजात बच्ची भी बरामद हुई है.

ये भी पढ़े:-Children’s Day 2023: 14 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है बाल दिवस? जानिए इसका इतिहास और महत्व

बच्‍चों का सौदा करने वाले आरोपियों की पहचान धर्मेंद्र शर्मा निवासी गांव बांस बादाम, एत्मादपुर, श्याम पुत्र गिर्राज किशोर निवासी डी महावीर नगर, रामबाग और महिला की रितु के तौर पर हुई है. गिरोह में शामिल धर्मेंद्र ने बताया कि वह अब तक करीब 25 बच्चों का सौदा कर चुके हैं. धर्मेंद्र खुद को समाज में कथावाचक के रूप में दर्शाता है.

नर्स और आशा कार्यकर्ताओं से था सम्‍पर्क

सरगना ने कहा कि उनका संपर्क नर्स व आशाओं से है. जहां भी बच्चा होता है, उसके परिजनों से संपर्क करते हैं. ऐसे दंपती, जिनको कई बेटे या बेटियां हो चुके हैं ये उनको लालच में फंसाते हैं और उनका बच्चा खरीद लेते हैं.  इसमें सूचना देने वाले आशा व नर्स को भी रकम देते थे. पुलिस के जांच में पता चला है कि गिरोह के लोग निसंतान और जरूरतमंद लोगों को बच्चे देते थे और उनके बदले मोटी रकम वसूलते थे. ये गिरोह बेटियों के लिए दो लाख रुपये और बेटो के लिए चार लाख रुपये वसूलते थे, जबकि वे बच्‍चों को 20 से 50 हजार रुपये में खरीदते हैं और मुनाफे की रकम का सभी आपस में बंटवारा कर लेते है.

Latest News

21 December 2025 Ka Panchang: रविवार का पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

21 December 2025 Ka Panchang: हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त...

More Articles Like This