Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा परमाणु परीक्षण करने का आदेश देने के बाद से हंगामा मचा हुआ है, लेकिन ट्रंप अपनी बात पर अड़े हैं और अब उन्होंने एक बयान में कहा है कि अमेरिका के पास दुनिया को तबाह करने के लिए पर्याप्त परमाणु हथियार हैं, लेकिन फिर भी अमेरिका को परमाणु परीक्षण करने की जरूरत है. ट्रंप ने कहा कि रूस और चीन की परमाणु महत्वाकांक्षाएं भी अमेरिका के परमाणु परीक्षण करने की वजह है.
डोनाल्ड ट्रंप ने सीबीएस के साथ एक इंटरव्यू में कहा
डोनाल्ड ट्रंप ने सीबीएस के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि परमाणु परीक्षण करने का उन्होंने तब फैसला किया, जब उन्हें एहसास हुआ कि इतने बड़े परमाणु हथियारों के जखीरे के बावजूद अमेरिका अकेला ऐसा देश नहीं हो सकता, जो परमाणु परीक्षण न करे. अमेरिकी राष्ट्रपति ने बीते दिनों दक्षिण कोरिया में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात से कुछ घंटे पहले ही सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर अमेरिकी रक्षा विभाग को तत्काल परमाणु परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया था. ट्रंप के इस बयान की दुनियाभर में आलोचना हुई और विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे दुनियाभर में फिर से परमाणु हथियारों के परीक्षण की होड़ मच सकती है.
डोनाल्ड ट्रंप ने बयान में कहा कि ‘हमारे पास किसी भी देश की तुलना में बहुत ज्यादा परमाणु हथियार हैं और हमें परमाणु निरस्त्रीकरण के बारे में कुछ करना चाहिए. मैंने इस बारे में रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से भी बात की. हमारे पास इतने परमाणु हथियार हैं, जो पूरी दुनिया को तबाह कर सकते हैं. रूस के पास भी बहुत सारे हैं और चीन के पास भी.’ ट्रंप ने कहा कि वे नहीं चाहते कि अमेरिका इकलौता देश हो, जो परमाणु परीक्षण न कर रहा हो.
ट्रंप ने कहा कि रूस ने परमाणु परीक्षण करने का ऐलान किया और वे ऐसा कर रहे हैं. उत्तर कोरिया भी परमाणु परीक्षण कर रहा है और अन्य देश भी ऐसा कर रहे हैं. हम नहीं चाहते कि हम इकलौता देश रहें, जो परीक्षण न कर रहा हो. अमेरिका ने आखिरी बार ऑपरेशन जूलियन के तहत वर्ष 1992 में परमाणु परीक्षण किया था. अमेरिका और रूस द्वारा परमाणु हथियार परीक्षण ऐसे समय में किया जा रहा है, जब यूक्रेन युद्ध को लेकर दोनों देशों में तनाव है. दोनों देश परमाणु परीक्षण रोकने वाली संधि सीटीबीटी के हस्ताक्षरकर्ता देश हैं. इस संधि पर 187 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें पाकिस्तान, उत्तर कोरिया, इस्राइल, चीन, भारत आदि देश भी शामिल हैं.

