वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने वीरवार को अगले पांच वर्षों के लिए भारत के GDP वृद्धि अनुमान को 0.2% अंक बढ़ाकर 6.4% कर दिया. इसकी वजह हाल के वर्षों में देश की श्रम शक्ति भागीदारी दर में तेज वृद्धि होना है. रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने कहा, भारत की ट्रेंड ग्रोथ के लिए हमारा अनुमान 6.4% है, जो पहले 6.2% था. हमें लगता है कि हाल के वर्षों से टीएफपी वृद्धि धीमी हो जाएगी और लंबी अवधि के औसत 1.5% के अनुरूप होगी.
टोटल-फैक्टर प्रोडक्टिविटी (टीएफपी), जिसे मल्टी-फैक्टर उत्पादकता भी कहा जाता है, को आमतौर पर कुल उत्पादन (GDP) और कुल इनपुट के अनुपात के रूप में मापा जाता है. वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने चीन के विकास अनुमान को 0.3% अंक घटाकर 4.3% कर दिया है, जो पहले 4.6% था. यह बदलाव अगले पांच वर्षों में 10 उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के लिए संभावित GDP वृद्धि के फिच के संशोधित आकलन का हिस्सा है.
फिच ने बताया कि भारत के लिए संशोधित अनुमान श्रम उत्पादकता के बजाय श्रम इनपुट (मुख्य रूप से कुल रोजगार में) से अधिक योगदान को दिखाता है. रेटिंग एजेंसी ने श्रम बल डेटा के संशोधित मूल्यांकन के आधार पर अपने अनुमानों में भी बदलाव किए हैं. फिच ने कहा कि भागीदारी दर से योगदान को संशोधित कर ऊपर की ओर कर दिया गया है, जबकि पूंजी गहनता के अनुमानित योगदान को कम कर दिया गया है.
फिच रेटिंग्स ने कहा, हमारे संशोधित अनुमान से पता चलता है कि श्रम उत्पादकता के बजाय श्रम इनपुट (कुल रोजगार) का योगदान अधिक है. हाल के वर्षों में भारत की श्रम शक्ति भागीदारी दर में तेजी से वृद्धि हुई है; हमें उम्मीद है कि यह प्रोडक्टिविटी बढ़ती रहेगी. फिच रेटिंग्स के निदेशक रॉबर्ट सिएरा ने कहा, उभरते बाजारों में संभावित वृद्धि का हमारा नया अपडेट अब 3.9% पर है, जो नवंबर 2023 में प्रकाशित हमारे 4% अनुमान से मामूली गिरावट दर्शाता है.
यह मुख्य रूप से चीन में कम संभावित वृद्धि को दर्शाता है. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि चीन की कम क्षमता का कारण कमजोर पूंजी गहनता और श्रम शक्ति भागीदारी में तेज गिरावट हो सकती है. पिछले महीने जारी आईएमएफ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है और अगले दो वर्षों में 6% से अधिक की वृद्धि दर्ज करने वाला एकमात्र देश है. IMF ने 120 से अधिक देशों के लिए विकास पूर्वानुमान में कटौती की है.