Smriti Irani: अभिनेत्री और राजनेता स्मृति ईरानी एक बार फिर से टीवी सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में तुलसी विरानी के किरदार में वापसी कर रही हैं. इस शो ने पहले भारतीय टीवी पर लंबे समय तक राज किया था. शो के प्रभाव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह शो एक पॉप-कल्चर बन गया था. लोग तुलसी जैसे किरदारों से जुड़ाव महसूस करते थे. शो और यह किरदार एक ट्रेंड नहीं, बल्कि लोगों के घरों की परंपरा बन गयी थी.
आज भी तुलसी को याद करते हैं लोग
स्मृति ईरानी ने (Smriti Irani) कहा कि भले ही यह शो कई साल पहले आया था, लेकिन लोग आज भी इसे याद करते हैं और पसंद करते हैं. यह सीरियल और तुलसी का किरदार लाखों भारतीयों के दिलों में अपनी एक खास जगह बना चुके हैं. उन्होंने शो के बारे में बात करते हुए कहा, “जब मैंने पहली बार तुलसी का किरदार निभाना शुरू किया, तब मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि उसकी कहानी इतनी दूर तक जाएगी. यह कहानी सिर्फ लोगों के घरों तक नहीं, बल्कि लाखों भारतीयों के दिलों तक पहुंची. तुलसी सिर्फ एक किरदार नहीं थी. वह लोगों के लिए एक बेटी, एक मां और एक दोस्त बन गई. बहुत से लोगों ने उसमें अपनी ताकत, त्याग और विश्वास की झलक देखी.”
लोगों के घरों की परंपरा बन गया शो
एक्ट्रेस ने कहा कि साल 2000 के आस-पास, जब सोशल मीडिया या हैशटैग जैसी चीजें नहीं थीं, तब भी ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ इतना मशहूर हुआ कि वह सिर्फ एक ट्रेंड नहीं रहा, बल्कि लोगों के घरों की परंपरा बन गया.
उन्होंने आगे कहा, “इस शो ने कामयाबी के सारे रिकॉर्ड तोड़े, सिर्फ नंबरों से नहीं, बल्कि लोगों की भावनाओं से. परिवार के सभी सदस्य अपना सब काम छोड़कर एक साथ बैठकर यह शो देखते थे. तुलसी के नाम पर घरों में बहस होती थी, हंसी होती थी, आंसू बहते थे. जब मैं टीवी से चली भी गई, तब भी तुलसी लोगों के दिलों में जिंदा रही. लोग मुझे मेरे असली नाम ‘स्मृति’ से नहीं, बल्कि ‘तुलसी’ कहकर बुलाते रहे, क्योंकि तुलसी सिर्फ टीवी पर नहीं, बल्कि लोगों की यादों, आदतों और घरों का हिस्सा बनी. ऐसी पहचान कोई स्क्रिप्ट से नहीं मिलती, ये तो लोगों का प्यार होता है, जो हाथ जोड़कर और दिल से आभार के साथ स्वीकार करना पड़ता है.”
जिंदगी फिर से उसी मोड़ पर आ गई
स्मृति ईरानी ने आगे कहा, “अब सालों बाद, जिंदगी फिर से उसी मोड़ पर आ गई है. लेकिन ये वापसी बीते समय को दोहराने के लिए नहीं, बल्कि उस भावना को फिर से जगाने के लिए है, जो कभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई थी. अब तुलसी सिर्फ एक किरदार बनकर नहीं लौट रही, बल्कि एक भावना, एक याद और एक जुड़ाव बनकर वापस आ रही है, जो वक्त की कसौटी पर खरी उतरी है. आज के समय में, जहां कहानियां तो जल्दी शुरू होती हैं लेकिन उनका अर्थ लोग जल्दी भूल जाते हैं, इस शो की वापसी एक निमंत्रण है, थोड़ा रुकने का, पुरानी यादों को जीने का और फिर से कुछ महसूस करने का.”
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