Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश के लोगों को संबोधित करते हैं. इसी क्रम में आज 27 जुलाई को पीएम मोदी ‘मन की बात’ के 124वें संस्करण के जरिए राष्ट्र को संबोधित करेंगे.
सुबह 11 बजे शुरू होगा प्रसारण
प्रसारण सुबह 11 बजे शुरू होगा और इसे आकाशवाणी, दूरदर्शन और विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किया जाएगा. यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी और नागरिकों के बीच सीधे संवाद का माध्यम है, जिसमें समाज, नवाचार और राष्ट्र निर्माण से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा होती है. इस बार, पीएम मोदी राष्ट्रीय हित, जन कल्याण और नागरिक भागीदारी जैसे विषयों पर अपने विचार साझा करेंगे. पिछले कुछ वर्षों में मन की बात कार्यक्रम जमीनी स्तर के प्रेरणादायक प्रयासों को उजागर करने तथा विभिन्न विकासात्मक और सामाजिक कार्यों में नागरिक सहभागिता को प्रोत्साहित करने के एक मंच के रूप में उभरा है.
Do tune in at 11 AM for this month’s #MannKiBaat, where inspiring collective efforts of the people of India will be highlighted. pic.twitter.com/YwvCnFO2BZ
— Narendra Modi (@narendramodi) July 27, 2025
2014 से हुई Mann Ki Baat कार्यक्रम की शुरुआत
2014 से शुरू हुआ मन की बात एक ऐसा मंच है, जो आम लोगों के प्रेरक प्रयासों को उजागर करता है और सामाजिक व विकास कार्यों में नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा देता है. यह स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, डिजिटल साक्षरता और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर जागरूकता फैलाता है, जिससे जन आंदोलन शुरू होते हैं. इस बीच, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा नई दिल्ली में एक विशेष बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मन की बात सुनेंगे. यह कार्यक्रम सुबह 10:55 बजे डिफेंस कॉलोनी स्थित सी-ब्लॉक क्लब में आयोजित होगा, जहां नड्डा के साथ स्थानीय बूथ स्तर के कार्यकर्ता भी शामिल होंगे.
वर्षों से लगातार निभाई जा रही ये परंपरा
भाजपा ने मन की बात (Mann Ki Baat) को सामूहिक रूप से सुनने की प्रथा को नियमित संगठनात्मक गतिविधि बना दिया है, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रधानमंत्री के संदेश के बीच सीधा जुड़ाव बढ़ता है. यह परंपरा वर्षों से लगातार निभाई जा रही है. यह एक जनसंपर्क कार्यक्रम है और कर्मचारियों के बीच बातचीत का मंच भी है. इससे पार्टी की यह प्रतिबद्धता मजबूत होती है कि प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण और संदेश देश के सबसे छोटे संगठनात्मक इकाइयों तक पहुंचे.