Donald trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर विवादों के घेरे में है. इस बार उन्होंने अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पर तीखा हमला बोला है. साथ ही उन्होंने हैरिस पर कुछ ऐसे आरोप लगाए है, जिसके बाद से अमेरिकी राजनीति में हलचल मची हुई है.
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 2024 के चुनाव प्रचार के दौरान कुछ हाई-प्रोफाइल हस्तियों से पैसे देकर समर्थन हासिल किया, जो अमेरिकी चुनावी कानूनों का खुला उल्लंघन है.
डोनाल्ड ट्रंप ने किया ये दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति ने ‘ट्रुथ सोशल’ पर अपने एक पोस्ट में दावा किया कि कमला हैरिस ने गायिका बियॉन्से, मीडिया मोगल ओपरा विन्फ्रे और सिविल राइट्स नेता अल शार्पटन जैसे प्रभावशाली नामों से समर्थन पाने के लिए लाखों डॉलर खर्च किए. ट्रंप के मुताबिक यह समर्थन स्वेच्छा से नहीं, बल्कि धन के बदले खरीदा गया था.
इस दौरान उन्होंने ये सवाल भी उठाया कि “क्या अब नेताओं को अपने समर्थन खरीदने की छूट मिलनी चाहिए? क्या यही लोकतंत्र है?” इतना ही नहीं, इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस पूरे मामले में कानूनी जांच और दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाने की भी मांग की.
खुद विवादों में घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति
ट्रंप ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पर ये आरोप ऐसे समय में लगाए है, जब वो खुद जेफ्री एप्सटीन से जुड़े केस फाइलों को लेकर जांच के घेरे में हैं. ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने इस मामले में कुछ जानकारियां छिपाईं या गुमराह किया. लेकिन इस मामले में ट्रंप ने खुद को राजनीतिक साजिश का शिकार बताते हुए कहा कि “लेफ्ट डेमोक्रेट्स” इस समय अपनी विफलताओं से जनता का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे आरोपों को हवा दे रहे हैं.
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि “हमारी सरकार के बीते छह महीने, अमेरिका के इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति के शुरुआती कार्यकाल से बेहतर थे, जिसे डेमोक्रेट्स इसे देख नहीं पा रहे और अब बौखलाहट में हमें घेरने की कोशिश कर रहे हैं.”
ट्रंप ने एप्सटीन मामले में की पारदर्शिता की मांग
इसी बीच डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की पूर्व अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी से आग्रह किया है कि वे जेफ्री एप्सटीन और उनकी सहयोगी गिस्लेन मैक्सवेल से जुड़ी ग्रैंड जूरी गवाही को सार्वजनिक करने के प्रयास तेज़ करें. ट्रंप के अनुसार, यह कदम दोनों राजनीतिक दलों के नेताओं पर समान रूप से लागू होना चाहिए, जिससे पूरा मामला पारदर्शिता के साथ जनता के सामने आ सके. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि यह जनता का दबाव है, न कि किसी पार्टी का एजेंडा.
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