India-Maldives Relations: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय मालदीव के दौरे पर है, जहां मालदीव के स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस दौरान पीएम मोदी ने मालदीव को भारत का सबसे करीबी पड़ोसी बताया. साथ ही उसे 4850 करोड़ रुपये की लोन सहायता देने की भी घोषणा की है. इसके अलावा, 72 सैन्य वाहन और दूसरे उपकरण भी सौंपे.
बता दें कि पीएम मोदी 25 जुलाई मालदीव पहुंचे, जहां राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और उनके मंत्रियों ने उनका जोरदार स्वागत किया. इसके अलावा, पीएम मोदी को 21 तोपों की सलामी भी दी गई. इसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति मुइज्जू संग द्विपक्षीय मुलाकात की. इस दौरान दोनों दिग्गजों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए.
हमारे लिए हमेशा पहले आती है दोस्ती: पीएम मोदी
वहीं, द्विपक्षीय बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा कि भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और ‘महासागर’ विजन में मालदीव एक अहम स्थान रखता है. भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद दोस्त होने पर भी गर्व है. चाहे संकट हो या महामारी, भारत हमेशा सबसे पहले उनके साथ खड़ा रहा है. चाहे जरूरी वस्तुओं की उपलब्धता हो या फिर कोविड के बाद अर्थव्यवस्था को संभालना हो, भारत ने हमेशा साथ मिलकर काम किया है. हमारे लिए हमेशा दोस्ती पहले आती है.
मुइज्जू ने जताया भारत का आभार
वहीं, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पीएम मोदी का आभार जताया. उन्होंने कहा कि मैं मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल को 72 वाहन प्रदान करने के लिए भारत के प्रति अपनी हार्दिक सराहना व्यक्त करता हूं. भारत की ओर दिया गया ये सहयोग मालदीव में आवास की जरूरतों को पूरा करने की मेरी सरकार की नीति में एक बड़ा कदम है.
मालदीव के पर्यटन क्षेत्र के लिए भारत प्रमुख बाजार का स्त्रोत
उन्होंने कहा कि मैं स्वास्थ्य क्षेत्र में मालदीव के प्रमुख भागीदार के रूप में अपनी भूमिका के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि भारत, मालदीव के पर्यटन के लिए एक प्रमुख स्रोत बाजार बना हुआ है. हमने इस महत्वपूर्ण क्षेत्र को बेहतर सहयोग और कनेक्टिविटी के माध्यम से विस्तारित करने के तरीकों पर भी चर्चा की.
भारत-मालदीव के रिश्ते में हो रहे सुधार
बता दें कि मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही भारत और मालदीव के बीच में संबंधों में खटास आ गई थी. दरअसल, मुइज्जू ने इंडिया आउट के नारे से चुनाव लड़ा और राष्ट्रपति बनने के बाद भारत विरोधी कदम भी उठाए थे, जिसके बाद भारत में भी मालदीव का बॉयकॉट शुरू हो गया था. हालांकि अब एक बार फिर से दोनों देशों के रिश्ते पटरी पर आते दिखाई दे रहे है.
इसे भी पढें:-तुर्की में गर्मी ने तोड़े अब तक के सारे रिकॉर्ड, सरकार से लेकर वैज्ञानिकों तक ने जारी की चेतावनी