बांग्लादेश में अराजकता, शेख हसीना की पार्टी के मुख्यालय को कब्जाने की कोशिश, बढ़ा तनाव

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Bangladesh: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सियासी हलचल उस समय तेज हो गई, जब एक अज्ञात समूह ने देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी, अवामी लीग के मुख्यालय पर कब्जा करने की कोशिश की. यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है, जब 5 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता से बेदखली की वर्षगांठ नजदीक है. बताया जा रहा है कि यह समूह ‘इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑन फासिज्म एंड जेनोसाइड’ के बैनर तले काम कर रहा है.

ढाका के बंगबंधु एवेन्यू स्थित अवामी लीग कार्यालय के हर कमरे की सफाई हो रही है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह काम किसके आदेश पर हो रहा है. भवन में प्रतिदिन 10-12 लोग साफ-सफाई कर रहे हैं. एक स्थानीय पर्यवेक्षक शेखावत हुसैन ने मीडिया को बताया कि यह इमारत फासीवादी शासन की निशानी है. इसे खाली कराकर हम नियंत्रण में ले रहे हैं ताकि यहां दोबारा फासीवाद जन्म न ले.

ऐसा कहा जा रहा है कि यह 10 मंजिला इमारत उन लोगों के विश्राम स्थल के तौर पर इस्तेमाल की जाएगी, जो मौजूदा तख्तापलट के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं. आंदोलनकारी साफ कर चुके हैं कि वे शेख हसीना और उनके पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान से जुड़ी हर स्मारक और प्रतीक को हटाएंगे. इससे पहले उन्होंने ढाका के धनमंडी स्थित बंगबंधु म्यूजियम (पूर्व में शेख मुजीब का आवास) को भी ढहा दिया था.

गौरतलब है कि अगस्त 2024 में छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह के बाद शेख हसीना को सत्ता से बाहर कर दिया गया था. इसके बाद नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन हुआ. इस सरकार ने अवामी लीग के सभी राजनीतिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा दिया था. शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद प्रदर्शनकारियों ने पार्टी के कई दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया था.

ढाका में अवामी लीग के मुख्यालय पर कब्जे की यह कोशिश एक बार फिर बता रही है कि बांग्लादेश की राजनीति में स्थिरता अब भी दूर है. हालिया घटनाएं संकेत देती हैं कि सरकार विरोधी ताकतें अब संगठित होकर पुराने सत्ता प्रतिष्ठानों को चुनौती देने में लगी हैं. यह भी चिंता का विषय है कि अंतरराष्ट्रीय नामों वाले समूह स्थानीय राजनीति में हस्तक्षेप करने लगे हैं.

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