PM Modi : इस समय पीएम मोदी तमिलनाडु दौरे पर हैं. क्योंकि सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती पर उनका यह दौरा खास माना जा रहा है और साथ ही देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि भी है. बता दें कि ये दोनों ही तमिलनाडु से बहुत गहराई से जुड़े हुए थे.
तमिल कल्चर को प्रमोट कर रहे प्रधानमंत्री मोदी
जानकारी के मुताबिक, आज आड़ी थिरूवादिरयी का दिन भी है, जिसका तमिल कल्चर में खासा महत्व है. बता दें कि आज मोदी तिरुचिरापल्ली में गंगईकोंडा चोलापुरम में चोल वंश के राजा राजेन्द्र चोलन की सहस्त्राब्दी समारोह में हिस्सा ले रहे हैं, इसके खास रहने क कारण से भी है कि अगले साल तमिलनाडु में विधानसभा के चुनाव हैं, जिसमें बीजेपी को फायदा हो सकता है.
तमिल भाषा का प्रमोशन उनके संकल्प का हिस्सा
इस कार्यक्रम में आज PM मोदी के विश्व की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक तमिल भाषा और संस्कृति को वैश्विक स्तर प्रमोट करने के उनके संकल्प से जोड़कर देखा जा सकता है. जानकारी के दौरान इस संसद में सेंगोल की स्थापना, तमिल काशी संगमम, विदेशी जमीन पर तमिल भाषा का प्रमोशन उनके इसी संकल्प का हिस्सा हैं.
पीएम मोदी की इस कोशिश का सियासी लाभ बीजेपी को मिल सकता है लेकिन तमिलनाडु में बेहतर प्रदर्शन अभी भी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है.
इस प्रकार BJP को मिल सकता है सियासी लाभ
- 2026 में तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने वाला हैं. वैसे तो तमिलनाडु में डीएमके और एआईएडीएमके जैसे क्षेत्रीय दलों का दबदबा रहा है, ऐसे में बीजेपी अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए रणनीतिक रूप से काम कर रही है.
- तमिलनाडु दौरे पर विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करके पीएम मेादी ने ये संदेश दिया है कि केंद्र का पूरा ध्यान तमिलनाडु की तरफ है और वह उसके विकास को लेकर काम करने के लिए उत्सुक है. बता दें कि यह स्थानीय मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है.
- बता दें कि तमिलनाडु के इस दौरे में पीएम मोदी ने श्री राम की पावन धरती के रूप में संबोधित किया और रामनवमी पर पंबन ब्रिज के उद्घाटन जैसे कदमों से हिंदू आस्था को जोड़ा. यह बीजेपी की सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की रणनीति का हिस्सा है. जो संस्कृति और राष्ट्रीय एकता को जोड़ने की कोशिश है.
- तमिलनाडु की सियासत डीएमके और एआईएडीएमके के इर्द-गिर्द रही है, लेकिन बीजेपी विकास और राष्ट्रीय एकता के एजेंडे को सामने रखकर द्रविड़ियन मॉडल को चुनौती दे रही है.
- मोदी ने तमिल भाषा और संस्कृति की प्रशंसा करते हुए इसे राष्ट्रीय मंच पर ले जाने की बात की, जैसे कि काशी तमिल संगमम और नई संसद में तमिलनाडु के सिंगोल का प्रचार. जिससे बीजेपी को “उत्तर भारतीय पार्टी” के मिथक को तोड़ने में मदद मिल सकती है.
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