जैन आचार्य डॉ. लोकेश मुनि ने हाल ही में आर्ट ऑफ लिविंग के नवनिर्मित ‘नॉलेज टेम्पल’ में प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर से शिष्टाचार भेंट की. इस अवसर पर दोनों आध्यात्मिक नेताओं के बीच सौहार्द्रपूर्ण संवाद हुआ, जिसमें उन्होंने वैश्विक शांति, प्रेम और एक स्वस्थ समाज के निर्माण पर अपने विचार साझा किए.
आचार्य लोकेश मुनि ने इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, ‘गुरुदेव की स्नेहिल मुस्कान और सकारात्मक ऊर्जा ने मन को गहराई तक छू लिया. उन्होंने बताया कि मंदिर में प्राप्त सात्विक प्रसाद जितना शरीर को स्वास्थ्य देने वाला था, उतने ही संतुलनकारी और आत्मशुद्धि से परिपूर्ण गुरुदेव के विचार भी मन और आत्मा को तृप्त करने वाले रहे.’
मन मोहक मुस्कान
आर्ट ऑफ़ लिविंग के नवनिर्मित नॉलेज टेम्पल में प्रेम के देवता पूज्य @Gurudev से आज भेंट कर शुभकामनाएँ दी उनके साथ जितना सात्विक और स्वास्थ्य वर्धक प्रसाद ग्रहण किया उतने ही मन, बुद्धि और आत्मा को स्वस्थ बनाने वाले उनके विचारों से भी तृप्त हुआ।@ArtofLiving pic.twitter.com/FAyG85IjlT— Acharya Lokesh Muni (@Munilokesh) September 14, 2025
ध्यान, योग और शांति पर बना ये लिविंग फाउंडेशन
गौरतलब है कि आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन, जिसकी स्थापना गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने की है, आज वैश्विक स्तर पर ध्यान, योग और शांति के संदेश को फैलाने वाला एक प्रमुख संगठन बन चुका है. वहीं, आचार्य डॉ. लोकेश मुनि भी वर्षों से जैन परंपरा के माध्यम से अहिंसा, सहिष्णुता और विश्व बंधुत्व जैसे मूल्यों का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं.
इस भेंट को विशेषज्ञ दो बड़े आध्यात्मिक प्रवाहों जैन परंपरा और आर्ट ऑफ लिविंग के बीच एक महत्वपूर्ण संवाद मान रहे हैं. दोनों ही संत-पुरुषों का मानना है कि आज के दौर में समाज को केवल भौतिक प्रगति नहीं बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति की भी उतनी ही आवश्यकता है. मुलाकात के अंत में आचार्य लोकेश मुनि ने गुरुदेव को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जब संत मिलकर शांति और सद्भाव का संदेश देते हैं तो उसका असर समाज की गहराई तक पहुंचता है.