हाईकोर्ट से आजम खान को बड़ी राहत, ट्रायल कोर्ट के आदेश पर 28 अगस्त तक अंतरिम रोक

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Prayagraj: समाजवादी पार्टी की सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री और सांसद रहे मोहम्मद आज़म खान (Mohammad Azam Khan) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से बड़ी राहत मिली है. सोमवार को हाईकोर्ट ने उनके साथ अन्य आरोपियों की ओर से दायर याचिकाओं में संशोधन की अनुमति दे दी है. यह मामला 2016 में हुई कथित जबरन बेदखली की घटना से जुड़ा है, जिसमें पहले याचिकाकर्ताओं ने ट्रायल कोर्ट की पूरी कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी. हालांकि अब उन्होंने अपनी याचिका में संशोधन करते हुए यह मांग वापस ले ली है. कोर्ट ने इस संशोधन को स्वीकार कर लिया है.

अब सिर्फ दोबारा गवाही और वीडियोग्राफी की मांग

संशोधित याचिका में याचिकाकर्ताओं ने अब केवल दो प्रमुख मांगें रखी हैं. पहली कि मुख्य गवाहों की गवाही विशेष रूप से सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ज़फर अहमद फारूकी को दोबारा दर्ज कराया जाए. दूसरी, एक महत्वपूर्ण वीडियोग्राफी को सबूत के रूप में रिकॉर्ड में शामिल करने की अनुमति दी जाए. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि यह वीडियो यह दर्शाता है कि घटना के समय वे मौके पर मौजूद नहीं थे.

ट्रायल कोर्ट के आदेश पर हाईकोर्ट की अंतरिम रोक बढ़ी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश पर अंतरिम रोक बढ़ा दी है, जो 30 मई 2025 को पारित किया गया था. ट्रायल कोर्ट ने उस आदेश में याचिकाकर्ताओं की मुख्य गवाहों को दोबारा बुलाने और वीडियोग्राफी को रिकॉर्ड में शामिल करने की मांग को खारिज कर दिया था. अब हाईकोर्ट की यह रोक अगली सुनवाई की तारीख 28 अगस्त 2025 तक प्रभावी रहेगी.

12 FIR पर आधारित है मुकदमा

यह मामला रामपुर के कोतवाली थाने में 2019 में दर्ज 12 एफआईआर पर आधारित है. इन एफआईआर (संख्या 528/2019 से 539/2019 और 556/2019) में डकैती, गैरकानूनी प्रवेश और आपराधिक षड्यंत्र जैसे गंभीर आरोप हैं. इन सभी मामलों को 8 अगस्त 2024 को एमपी/एमएलए कोर्ट, रामपुर में एक साथ जोड़ा गया था. इस पूरे मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ द्वारा की गई.

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