Caste Census: मोदी सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए आगामी जनगणना के साथ जातिगत गणना कराने का निर्णय लिया है. यानी पूरे देश में किस जाति की कितनी आबादी है ये आंकड़े सरकार जुटाएगी और उसके आधार पर ही हिस्सेदारी भी तय की जाएगी. बता दें कि केंद्र सरकार के इस फैसले ने विपक्ष के सबसे बड़े हथियर को छीन लिया है. बीते कुछ सालों से जातिगत जनगणना का मुद्दा राहुल गांधी का सबसे बड़ा हथियार था. बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट ब्रीफिंग में इसकी जानकारी दी.
मोदी कैबिनेट का फैसला
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज फैसला किया है कि जातिगत गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाएगा. यह कदम सामाजिक समावेशिता और नीतिगत योजनाओं को और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा.”
कांग्रेस पर साधा निशाना
जनगणना में जाति जनगणना को शामिल करने पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया है। 2010 में दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि जाति जनगणना के मामले पर कैबिनेट में विचार किया जाना चाहिए. इस विषय पर विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया था. अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की है. इसके बावजूद, कांग्रेस सरकार ने जाति का सर्वेक्षण या जाति जनगणना कराने का फैसला किया. यह अच्छी तरह से समझा जा सकता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जातिगत गणना को केवल एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है.
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई सुपर कैबिनेट की मीटिंग
बता दें कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को सुपर कैबिनेट की मीटिंग हुई थी, इसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल के कुछ टॉप मंत्री मौजूद रहे थे. राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी को ‘सुपर कैबिनेट’ कहा जाता है और इसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल के कुल शीर्ष मंत्री ही शामिल होते हैं.
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