New Delhi: पृथ्वी पर लगातार हो रहा जलवायु परिवर्तन ( Climate Change) न केवल पर्यावरण को प्रभावित कर रहा है, बल्कि खेल जगत पर भी गहरा असर डाल रहा है. चिलचिलाती गर्मी से लेकर कड़कड़ाती सर्दी तक, मौसम की अनियमितताएं विभिन्न खेलों को बाधित कर रही हैं. हाल के वर्षों में, जंगल की आग, बढ़ता समुद्री जलस्तर और वायु प्रदूषण जैसे कारकों ने फुटबॉल, गोल्फ और विंटर स्पोर्ट्स को नुकसान पहुंचाया है.
Climate 11 has just kicked off, and I’m looking forward to a fruitful, practical conversation—keeping it human: care for players and fans, inclusion by design, and a few honest basics we can measure.
I’m here to listen first, co-create next, and leave with simple steps we can… pic.twitter.com/JWtqlib6Rn
— Arhan Bagati (@IamArhanBagati) September 2, 2025
क्लाइमेट समिट 2025 के सह-आयोजक अरहन बगाती ने बताया कि यह एक बड़ी खतरे की घंटी है, लेकिन अब खेल संगठनों में सुधार की पहल शुरू हो चुकी है. भारत एक्सप्रेस के सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय (Upendrra Rai) ने इस दिशा में एक अनोखा कदम (Environmental Initiative) उठाया है, जिसमें उन्होंने ‘एक पेड़ अपनी मां के नाम पर’ अभियान के तहत एक करोड़ पेड़ लगाने का संकल्प लिया है. यह अभियान क्लाइमेट चेंज के खिलाफ एक मजबूत संदेश देता है.

खेलों पर जलवायु परिवर्तन का असर
दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं. जंगल की आग से उत्पन्न वायु प्रदूषण फुटबॉल मैचों को रद्द करने का कारण बन रहा है, जबकि बढ़ते समुद्री जलस्तर से तटीय गोल्फ कोर्स नष्ट हो रहे हैं. सर्दियां छोटी होने से विंटर स्पोर्ट्स जैसे स्कीइंग और आइस हॉकी प्रभावित हो रहे हैं. अरहन बगाती के अनुसार, मौसम की अनिश्चितता से रातों का अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया है. भारत में भी यह समस्या बढ़ रही है, जहां गर्मी की लहरें क्रिकेट और अन्य आउटडोर खेलों को बाधित कर रही हैं. पेरिस ओलंपिक 2024 में क्लाइमेट चेंज को ध्यान में रखकर लक्ष्य निर्धारित किए गए थे, जो एक उदाहरण है कि कैसे खेल जगत इस चुनौती से निपट रहा है. कश्मीर में फुटबॉल टूर्नामेंट के दौरान हर गोल पर एक पेड़ लगाने की पहल की गई, जबकि आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट में भी पर्यावरणीय प्रयोग हो रहे हैं.
सुरक्षित खेल नीतियों की आवश्यकता
क्लाइमेट चेंज के जोखिमों से बचने के लिए खेल संगठनों में नई नीतियां और आपातकालीन प्रोटोकॉल विकसित किए जा रहे हैं. इनमें हीटवेव, उच्च तापमान, जंगली आग के धुएं जैसी स्थितियों में एथलीट्स, कोच, फैंस और वॉलंटियर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है. अरहन बगाती ने जोर दिया कि सुविधाओं और शेड्यूल को क्लाइमेट के सबसे बुरे प्रभावों से बचाने के लिए एडजस्ट किया जाना चाहिए. भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेंद्र राय (Upendrra Rai) का अभियान एक प्रेरणादायक उदाहरण है. उन्होंने अपनी मां के नाम पर पेड़ लगाने की मुहिम शुरू की, जिसके तहत एक करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है. हाल ही में जिमखाना क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में उपेंद्र राय ने इस संकल्प को दोहराया, जहां उन्होंने पेड़ रोपण किया और मीडिया से बात की. इस अभियान से न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा, बल्कि खेल जगत में भी जागरूकता फैलेगी.