दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने खड़गे के खिलाफ दायर आपराधिक शिकायत को खारिज कर दिया है. साथ ही याचिकाकर्ता की उस मांग को भी ठुकरा दिया गया, जिसमें शिकायत पर संज्ञान लेने की अपील की गई थी. यह शिकायत आरएसएस के एक सदस्य द्वारा दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि खड़गे ने अप्रैल 2023 में कर्नाटक के नरेगल में आयोजित चुनावी रैली के दौरान कथित तौर पर नफरत फैलाने वाला भाषण दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि खड़गे द्वारा दिया गया बयान कोर्ट की नजर में किसी समुदाय या धर्म को निशाना बनाकर नही दिया गया था, बल्कि यह राजनीतिक और सैद्धांतिक विचार का हिस्सा था. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में हिंसा भड़काने का मामला नही बनता है.
शिकायतकर्ता को साक्ष्य प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता
सुकर्नाटक जनसभा विवाद: खड़गे के बयान पर FIR की मांगनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत जांच की कोई जरूरत नही है. कोर्ट ने कहा था कि शिकायतकर्ता को समन-पूर्व जारी साक्ष्य पेश करने की स्वतंत्रता है. कोर्ट ने शिकायतकर्ता से कहा था कि बाद में अगर उन्हें लगता है कि किसी विवादित तथ्यों से संबंधित जांच की जरूरत होती है तो धारा 202 सीआरपीसी के प्रावधान का सहारा लिया जा सकता है.
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि विवादित बयान कर्नाटक में दिया गया था, इसलिए दिल्ली में इस पर कोई मामला नहीं बनता, क्योंकि यह उनके क्षेत्राधिकार से बाहर है. वहीं, शिकायतकर्ता के वकील का कहना था कि यह भड़काऊ बयान सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से पूरे देश में फैल गया है, इसलिए इस पर किसी भी स्थान पर प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है.
कर्नाटक जनसभा विवाद: खड़गे के बयान पर FIR की मांग
बता दें कि वकील रविंद्र गुप्ता ने मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए, 153 बी, 295 ए, 120बी और 34 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. 27 अप्रैल को कर्नाटक के एक जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ विवादित बयान दिया था. फिर दूसरे दिन के जनसभा में उन्होंने स्पष्टीकरण देते हुए खड़गे ने कहा था कि उन्होंने जहरीला वाला बयान भाजपा व आरएसएस को लेकर दिया था.
शिकायतकर्ता ने कहा था कि वह वर्षो से आरएसएस के जुड़ा रहा है और खड़गे के बयान से उन्हें काफी चोट पहुची है. इसको लेकर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए उसने.सब्जीमंडी थाने से शिकायत की लेकिन कई आवेदन के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नही की है. इसलिए वे अदालत की शरण में आए है और प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की मांग कर रहे हैं.