एक दशक में DBT में 90 गुना से अधिक का उछाल: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत महज एक दशक में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) में 90 गुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है. यह बात वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार को कही. इसके साथ ही उन्‍होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्‍ट कर बताया, भारत रियल टाइम पेमेंट में दुनिया में सबसे आगे है, जहां 2024-25 में 260 लाख करोड़ रुपए से अधिक के लेनदेन किए गए.
वित्त मंत्री ने एक पोस्ट में कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महज एक दशक में 2013-14 के 7,368 करोड़ रुपए से लेकर 2024-25 में 6.83 लाख करोड़ रुपए तक, डीबीटी हस्तांतरण में 90 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि हर रुपया हर नागरिक तक पहुंचा. उन्होंने कहा, भारत रियल टाइम पेमेंट में दुनिया में सबसे आगे है. जहां, 2024-25 में 260 लाख करोड़ रुपए से अधिक के लेनदेन दर्ज किए गए और मात्रा के हिसाब से सालाना आधार पर लगभग 18,600 करोड़ लेनदेन किए गए.
वित्त मंत्री के मुताबिक, पिछले 11 वर्षों में भारत की तकनीकी यात्रा किसी क्रांति से कम नहीं रही. उन्होंने आगे कहा, भारत डिजिटल इनोवेशन, टेक आधारित शासन और ग्लोबल ट्रस्ट का हब बन गया है. मैन्युफैक्चरिंग से लेकर स्पेस टेक तक, डिजिटल पेमेंट से लेकर ग्रामीण कनेक्टिविटी तक, परिवर्तन स्पष्ट, प्रभावशाली और स्थायी है. उन्होंने कहा, यह बदलाव केवल डिवाइस और प्लेटफॉर्म को लेकर नहीं है, यह निर्बाध शासन, नागरिक सशक्तीकरण और टेक-फर्स्ट विकसित भारत के निर्माण को लेकर भी है.
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव के मुताबिक, भारत में 55.44 करोड़ जन धन खाते खोले गए हैं, जिनमें से 56% खाते महिलाओं के हैं. इसी के साथ इन खातों में जमा कुल राशि इस वर्ष 21 मई तक 2.5 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गई है. FY24-25 में, डिजिटल पेमेंट में सालाना आधार पर 35% की वृद्धि देखी गई और यह प्रतिदिन 60.81 करोड़ लेनदेन तक पहुंच गया, जिसमें यूपीआई का योगदान 83.73% रहा. उन्होंने आगे कहा, यूपीआई का इस्तेमाल वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने में सहायक रहा है.

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