Putin के स्वागत के लिए तैयार दिल्ली, भारत-रूस के बीच इन मुद्दों पर बातचीत संभव

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Vladimir Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंच रहे हैं. इस मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम हैं. रूसी राष्ट्रपति के स्वागत के लिए भारत की राष्ट्रीय राजधानी पूरी तरह से तैयार है. भारत और रूस के बीच की दोस्ती काफी पुरानी है. ऐसे में रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे पर कई मुद्दों पर चर्चा संभव है.

रक्षा सहयोग पर चर्चा संभव Vladimir Putin India Visit

रक्षा के क्षेत्र में रूस किस तरह से भारत का समर्थन करता है, इसका अंदाजा एसयू-30एमकेआई, एमआईजी-29, और एस-400 समेत तमाम हैं. भारत ने रूस से ना केवल ये हथियार खरीदे हैं, बल्कि दोनों देश कुछ प्रोजेक्ट्स पर साथ में काम कर रहे हैं. इसका ताजा उदाहरण भारत की ब्रह्मोस मिसाइल है. यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से रूसी राष्ट्रपति का ये पहला भारत दौरा है. ऐसे में इसे कई मायनों में खास माना जा रहा है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच रक्षा सहयोग पर चर्चा संभव है. इसके अलावा सुरक्षा, व्यापार, तेल, और परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में दोनों नेताओं के बीच बातचीत हो सकती है.

सुखोई-400 की नई खेप को लेकर हो सकती है वार्ता

रूस के सुखोई-400 की नई खेप को लेकर दोनों नेताओं के बीच वार्ता हो सकती है. बता दें, एस400 को लेकर भारत और रूस के बीच 2018 में 5 अरब डॉलर की डील हुई थी. इसके तहत एस-400 के 5 यूनिट भारत को मिलने वाले थे, जिनमें से 3 डिलीवर हो चुके हैं. ऐसे में नई खेप को लेकर भी चर्चा हो सकती है. इसके अलावा भारत नई तकनीकों से लैस एस-500 खरीदने पर विचार कर रहा है. ऐसे में एस-500 को लेकर दोनों नेताओं की बातचीत संभव है. सुखोई-57 की अगर बात करें, तो रूस पहले से ही इसकी 70 फीसदी तकनीक भारत को देने को तैयार है. ऐसे में संभव है कि इस पर भी चर्चा हो. अगर बात बन जाती है, तो आने वाले समय में भारत एस-57 अपने ही देश में बना सकेगा. वहीं एस-30 के आधुनिकीकरण पर भी बात हो सकती है.

व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के इरादे से बढ़ रहे आगे

रूस भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के इरादे से आगे बढ़ रहा है. इसकी एक वजह अमेरिका भी है. रूस भारत के साथ व्यापार 5 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है. वहीं डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए भारत और रूस अपनी करेंसी में व्यापार करने के बारे में भी सोच रहे हैं. भारतीय वस्तुओं का रूस में निर्यात बढ़ाने और भारत से फूड, समुद्री उत्पाद, दवा और डिजिटल सेवाओं आदि पर भी फोकस रहेगा. इसके अलावा मोबिलिटी समझौते के साथ-साथ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन और शिक्षा से जुड़े क्षेत्रों पर नए समझौते या फिर पुराने को अपडेट करना शामिल हो सकता है.

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