पूरे देश में दिवाली का त्योहार उत्साह और रौनक के साथ मनाया गया, राजधानी दिल्ली भी रंग-बिरंगी रोशनी और सजावट से चमक उठी. लेकिन त्योहार के अगले ही दिन, यानी मंगलवार की सुबह, दिल्ली की हवा की हालत बेहद खराब हो गई. प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ गया कि कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है.
सुबह 6 बजे का आंकड़ा
सुबह 6 बजे तक मिले आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में प्रदूषण का स्तर भयावह रूप ले चुका था. राजधानी का सबसे खराब एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) चाणक्य प्लेस में दर्ज किया गया, जहां स्तर 979 तक पहुंच गया. इसके अलावा नारायणा गांव में 940, तिगड़ी एक्सटेंशन में 928, नीति बाग में 768, सोअमी नगर नॉर्थ में 741, पॉकेट A सेक्टर 13 में 769, ईस्ट पटेल नगर में 618, रंजीत नगर में 609, पंजाबी बाग में 519, और हारी नगर में 518 रहा, जो सभी “बेहद खराब” श्रेणी में शामिल किए गए.
वहीं, वजीरपुर (408), जहांगीरपुरी (401) और बवाना (417) जैसे क्षेत्रों में AQI “गंभीर” श्रेणी में दर्ज हुआ. अन्य कई इलाकों में भी प्रदूषण का स्तर 350 से ऊपर पहुंच गया जिनमें विवेक विहार (361), सोनिया विहार (356), एनएसआईटी द्वारका (387), पुसा (351), ओखला फेज-2 (348), आर.के. पुरम (371), रोहिणी (366), शादीपुर (390), मुंडका (350), नरेला (351) और नेहरू नगर (365) प्रमुख हैं.
हर इलाके में हवा खरबा
दिल्ली के लगभग हर कोने में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है. सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन, सिरदर्द और थकान जैसी समस्याएं लोगों को परेशान कर रही हैं. मौसम में ठहराव, पराली जलाने और गाड़ियों से निकलने वाले धुएं की वजह से हालात और बिगड़ सकते हैं.
दिल्ली सरकार की अपील और डॉक्टरों की सलाह
दिल्ली सरकार ने लोगों से अपील की है कि निजी वाहनों का कम इस्तेमाल करें और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दें. डॉक्टरों ने सलाह दी है कि सुबह या देर शाम सैर पर न जाएं और घरों में एयर प्यूरिफायर या N-95 मास्क का इस्तेमाल करें. खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है.