‘हिंदी हमारे संस्कारों की जीवंत धरोहर…’, PM Modi ने दी हिंदी दिवस की शुभकामनाएं

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Hindi Diwas 2025: अपने देश में हिंदी भाषा का प्रचार और प्रसार करने के लिए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है. भारतवासियों के लिए हिंदी सिर्फ एक भाषा ही नहीं, बल्कि देश के गौरव का प्रतीक है. हमारे देश में कई तरह की भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन हिंदी भाषा पूरे भारत को एक साथ जोड़ती है. इस खास दिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि दुनिया भर में हिंदी के प्रति बढ़ता सम्मान सभी भारतीयों के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है.

पीएम ने दी Hindi Diwas 2025 की शुभकामनाएं

हर साल 14 सितंबर को मनाया जाने वाला हिंदी दिवस, हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाने की याद में मनाया जाता है. इस दिन का ऐतिहासिक महत्व है, क्योंकि 1949 में संविधान सभा ने संविधान के प्रारूपण के दौरान आधिकारिक भाषा के ढांचे पर आम सहमति बनाई थी. प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “आप सभी को हिंदी दिवस की अनंत शुभकामनाएं. हिंदी केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी पहचान और संस्कारों की जीवंत धरोहर है.”

हिंदी का बढ़ता सम्मान गर्व का विषय

देशवासियों से क्षेत्रीय भाषाओं को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा, “इस अवसर पर आइए, हम सब मिलकर हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं को समृद्ध बनाने और उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक गर्व के साथ पहुँचाने का संकल्प लें.” पीएम मोदी ने आगे कहा, “विश्व पटल पर हिंदी का बढ़ता सम्मान हम सबके लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है.”

जेपी नड्डा ने दी शुभकामनाएं

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी हिंदी दिवस पर शुभकामनाएं दीं. उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, “निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल. बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल. सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.” उन्होंने आगे लिखा, “हिंदी मात्र एक भाषा नहीं, अपितु भारतीय संस्कृति की अनन्य प्रतीक है. भारतीय संस्कारों, जीवन मूल्यों व आदर्शों की प्रबल संवाहक है. स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान देश को एकता के सूत्र में बाँधने में हिंदी का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है. देश की विविध भाषाओं के साथ हिंदी भाषा राष्ट्र के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करती रहेगी.”

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