‘इतिहास उन्हीं का बनता है जिनके मन में त्याग और बलिदान का भाव हो’, वीर बाल दिवस पर बोले CM योगी

Divya Rai
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Veer Bal Diwas: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के सुपुत्रों की स्मृति में ‘वीर बाल दिवस’ और श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष पर आयोजित कीर्तन समागम कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं ने स्वदेश और स्वधर्म के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की जो परंपरा स्थापित की, वही हमारी प्रगति का मार्ग है.

गुरु ग्रंथ साहिब को माथे लगाकर किया प्रणाम

‘वीर बाल दिवस’ के अवसर पर ‘शबद पाठ’ और कीर्तन समागम का आयोजन मुख्यमंत्री आवास, 5 कालिदास मार्ग पर हुआ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम की शुरुआत में गुरु ग्रंथ साहिब को माथे लगाकर प्रणाम किया. इसके बाद उन्होंने ‘शबद कीर्तन’ और साहिबजादों के अमर बलिदान की गाथा को सुना. कीर्तन पाठ करने वाले बच्चों को पटका पहनाकर और पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया. उन्होंने ‘छोटे साहिबजादे’ नाम की पुस्तिका का विमोचन भी किया.

पीएम मोदी का किया धन्यवाद Veer Bal Diwas

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों, बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहीदी दिवस को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाना, उनके स्वधर्म और स्वदेश के प्रति अमर बलिदान को नमन करने का अवसर है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया कि उन्होंने देशभर के सिख समाज की भावना को स्वीकार करते हुए इस दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी. उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं का इतिहास भारत में भक्ति और शक्ति का इतिहास है. गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की जो अलख जगाई, उसके प्रचार-प्रसार के लिए देश के कोने-कोने में गए. गुरु तेग बहादुर जी और गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने त्याग और बलिदान से इसे अनुकरणीय बनाया.

सिख गुरुओं के बलिदान को किया नमन

‘शबद कीर्तन’ समागम में मुख्यमंत्री ने सिख गुरुओं की परंपरा, उनके त्याग और बलिदान को नमन किया. उन्होंने कहा कि इस वर्ष सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस का 350वां वर्ष मनाया जा रहा है और मेरा सौभाग्य रहा कि मुझे कई बार उनके शहीदी दिवस के कार्यक्रमों में शामिल होने का अवसर मिला. यह विशेष संयोग था कि जिस समय हम गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में कार्यक्रम का आयोजन कर रहे थे, उसी दिन 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.

गुरु गोबिंद सिंह जी ने समाज को एकता के सूत्र में बांधा

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश के हर स्कूल, कॉलेज और कार्यालय में वीर बाल दिवस के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं व साहिबजादों की गाथाएं पाठ्यक्रम में शामिल की गई हैं, ताकि नई पीढ़ी को बलिदान की प्रेरणा मिल सके. उन्होंने कहा कि इतिहास उन्हीं का बनता है जिनके मन में त्याग और बलिदान का भाव होता है. सिख धर्म की लंगर परंपरा सामाजिक समरसता का उदाहरण है, जहां किसी की जाति या धर्म नहीं पूछा जाता. गुरु गोबिंद सिंह जी ने समाज को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया.

प्रत्येक भारतीय युवा के लिए प्रेरणा का दिन है

मुख्यमंत्री ने गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज, माता गुजरी देवी, बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि ‘वीर बाल दिवस’ प्रत्येक भारतीय युवा के लिए प्रेरणा का दिन है. उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के आयोजनों में डबल इंजन सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया. कार्यक्रम के अंत में आनंद साहिब का पाठ और अरदास हुई. इसके बाद वह मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ और असीम अरुण के साथ लंगर में भी सम्मिलित हुए.

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