Operation Safed Sagar: 26 मई 1999 का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है. इसी दिन भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ लॉन्च किया था. भारतीय वायुसेना ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ का एक वीडियो साझा किया है.
भारतीय वायुसेना ने शेयर किया वीडियो
भारतीय वायुसेना (Operation Safed Sagar) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, “26 मई 1999: ऑपरेशन सफेद सागर.” 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना ने अपने हवाई अभियानों के लिए ऑपरेशन सफेद सागर शुरू किया. यह ऑपरेशन विजय के तहत जमीनी सेनाओं का समर्थन करने के लिए था, जिसका उद्देश्य कारगिल क्षेत्र में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारतीय चौकियों पर कब्जा करने वाले पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को खदेड़ना था.
उन्होंने आगे कहा, “यह 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद कश्मीर क्षेत्र में हवाई शक्ति का पहला बड़े पैमाने पर उपयोग था. इतने ऊंचे और दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र में सटीक हवाई अभियानों का यह पहला मौका था, जिसने सैन्य उड्डयन इतिहास में एक मील का पत्थर स्थापित किया.”
#ThisDayThatYear | 26 May 1999#OpSafedSagar — the Indian Air Force’s codename for its air operations during the KargilWar1999 — was launched in support of ground forces under Operation Vijay. It aimed to flush out Pakistani regulars and intruders who had occupied Indian… pic.twitter.com/CtBJvqRqsx
— Indian Air Force (@IAF_MCC) May 26, 2025
ऑपरेशन सफेद सागर कई मायनों में अभूतपूर्व
भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ को कई मायनों में अभूतपूर्व बताया. उन्होंने एक्स पर लिखा, “इसने हवाई शक्ति को गैर-पारंपरिक भूमिकाओं में इस्तेमाल किया. सीमित हवाई संसाधनों की प्रभावशीलता को स्थानीयकृत संघर्ष में दिखाया. यह धारणा तोड़ी कि हवाई शक्ति का उपयोग अनिवार्य रूप से पूर्ण युद्ध में बदल जाएगा. इस ऑपरेशन ने भारतीय वायुसेना की बहुमुखी प्रतिभा और दृढ़ता को प्रदर्शित किया और साथ ही कम तीव्रता वाले संघर्ष में भी सटीक हवाई हमलों के निवारक मूल्य को स्थापित किया. इसने साबित किया कि हवाई शक्ति अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार किए बिना युद्ध के परिणाम को निर्णायक रूप से बदल सकती है.”
बता दें कि 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना द्वारा संचालित ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ में मिराज 2000, मिग-21, मिग-17, जगुआर, मिग-23, मिग-27 और चेतक का इस्तेमाल किया गया था.