India-China Relation: इस समय दक्षिण एशिया में काफी उथल-पुथल मची हुई है. इसी बीच भारत, पाकिस्तान, चीन और रूस के बीच संबंधों को लेकर अमेरिका की रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA) एक अहम रिपोर्ट जारी की है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत, चीन को प्राथमिक विरोधी मानता है. जबकि पाकिस्तान को एक सहायक सुरक्षा समस्या मानता है जिसे मैनेज किया जाना चाहिए.
इसके अलावा पाकिस्तान, भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है. ऐसे में वो भारत का मुकाबला करने के लिए अपने सामरिक परमाणु हथियारों और सैन्य आधुनिकीकरण के प्रयासों को जारी रखेगा. इसके अलावा, भारत और चीन के बीच LAC पर भी तेजी से तनाव के बढ़ने की संभावना है.
परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण कर रहा है पाक
इतना ही नहीं, अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने अपने रिपोर्ट में परमाणु हथियारों का भी जिक्र किया है. उनका कहना है कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों के जखीरे का आधुनिकीकरण कर रहा है. वह विदेशी आपूर्तिकर्ताओं और बिचौलियों से सामान खरीदता है. DIA का दावा है कि पाकिस्तान को चीन की आर्थिक और सैन्य उदारता मिली हुई है. पाक सेना हर साल चीन की PLA के साथ में कई संयुक्त सैन्य अभ्यास करती है.
इन देशों के माध्यम से भेजे जाते है हथियार
अमेरिकी एजेंसी ने बताया कि हाल ही में भारत से हुई झड़प में पाकिस्तान ने चीन के F-17 और J-10C जैसे लड़ाकू विमान और PL-15 मिसाइल का इस्तेमाल किया था. दरअसल पाकिस्तान के सामूहिक विनाश के हथियारों की सामग्री और तकनीक मुख्य रूप से चीन से प्राप्त करता है. इसे हांगकांग, सिंगापुर, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात के माध्यम से भेजा जाता है.
भारत-चीन के बीच कम हुआ तनाव
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन का मुकाबला करने के लिए और वैश्विक नेतृत्व में भूमिका को बढ़ाने के लिए भारत अभ्यास, प्रशिक्षण, हथियारों की बिक्री और सूचना साझा कर के हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. अमेरिकी एजेंसी का कहना है कि भारत और चीन ने LAC पर सेनाओं को कम करने का समझौता किया है जिससे सीमा विवाद का समाधान नहीं हुआ, हालांकि तनाव कुछ कम हुआ है.
भारत-रूस के बीच संबंधों को बने रहेंगे
DIA ने कहा है कि भारत अपनी सेना का आधुनिकीकरण करने और घरेलू रक्षा उद्योग का निर्माण करने के लिए मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना जारी रखेगा. इसके अलावा, इस रिपोर्ट में भारत के अग्नि-I प्राइम MRBM, अग्नि-V का परीक्षण, दूसरी परमाणु-संचालित पनडुब्बी को कमीशन करने का जिक्र किया गया है. एजेंसी ने कहा है कि भारत, रूस के साथ अपने संबंधों को बनाए रखेगा, क्योंकि वो इसे आर्थिक और रक्षा उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए जरूरी मानता है.
रूसी उपकरणों पर निर्भर भारत
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने रूस से हथियारों की खरद में भलें ही कमी की है, लेकिन फिर भी चीन-पाकिस्तान के संभावित खतरे का मुकाबला करने के लिए वह रूसी मूल के टैंकों और लड़ाकू विमानों के लिए रूसी उपकरणों पर निर्भर है.
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