भारत पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने के लिए है प्रतिबद्ध: पी हरीश

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

भारत पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने के लिए प्रतिबद्ध है. भारत गाजा संघर्ष में पक्षों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। उसने युद्ध विराम तथा बंधकों की रिहाई की अपनी मांग दोहराई है. उक्‍त बातें स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने बुधवार को फिलिस्तीन पर एक बहस के दौरान कही. इस दौरान उन्‍होंने सुरक्षा परिषद को बताया कि भारत पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता देखना चाहता है और हम इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सभी संबंधित हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं.

पी. हरीश ने हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले की निंदा की

उन्‍होंने कहा, भारत उन कुछ देशों में से एक है जिसके इजरायल और फिलिस्तीन दोनों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं. पी. हरीश ने इजरायल या हमास का नाम तो नहीं लिया, लेकिन हमास द्वारा इजरायल पर किए गए आतंकवादी हमले की निंदा की और इजरायल द्वारा आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में शुरू किए गए अभियान को पुनः शुरू करने के बाद से हुई पीड़ा के बारे में बात की. इससे मालूम चलता है कि भारत स्वयं भी आतंकवाद का शिकार है, जो फिलिस्तीन और अरब जगत के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को संतुलित करते हुए इजरायल के साथ घनिष्ठ रक्षा संबंध विकसित कर रहा है.

अस्वीकार्य है आतंकवाद- पी. हरीश

पी. हरीश ने आगे कहा, आतंकवाद अस्वीकार्य है, चाहे शिकायत कुछ भी हो, इसका समाधान केवल शांतिपूर्ण तरीकों से ही किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, भारत 7 अक्टूबर, 2023 को हुए आतंकवादी हमलों की निंदा करने वाले देशों की लिस्ट में भारत शामिल था. अस्थायी युद्ध विराम के समाप्त होने के बाद, दुर्भाग्यवश, ऑपरेशन पुनः शुरू हो गए हैं और महिलाओं और बच्चों सहित नागरिक, किसी भी संघर्ष में सबसे ज्यादा हताहत होते हैं. जनवरी में लागू हुआ युद्ध विराम मार्च में तब टूट गया जब इजरायल ने हमास के खिलाफ हवाई हमले और जमीनी अभियान फिर से शुरू कर दिए.

भारत सभी पक्षों से हिंसा छोड़ने का करता है आह्वान

हरीश ने कहा, भारत सभी संबंधित पक्षों से हिंसा छोड़ने, बंधकों को रिहा करने तथा वार्ता के रास्ते पर आगे बढ़ने का आह्वान करता है, ताकि सभी लोग सामान्य जीवन जी सकें. उन्होंने कहा कि संघर्ष को समाप्त करने के लिए वार्ता और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है, तथा इजरायल और फिलिस्तीन को संप्रभु राष्ट्र के रूप में एक साथ रहने का द्वि-राज्य समाधान स्थायी और सतत शांति का सूत्र है.

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