जम्मू-कश्मीर और लद्दाख HC के चीफ जस्टिस बने न्यायमूर्ति अरुण पल्ली, LG मनोज सिन्हा ने दिलाई शपथ

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

जम्मू: बुधवार को आयोजित एक समारोह में न्यायमूर्ति अरुण पल्ली (Justice Arun Palli) ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के 38वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. न्यायमूर्ति पल्ली को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर और उच्च न्यायालय, अधीनस्थ न्यायपालिका के न्यायाधीशों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा शपथ दिलाई.

9 अप्रैल को न्यायमूर्ति रबिस्तान हुए थे सेवानिवृत्त

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी एस संधावालिया, न्यायमूर्ति पल्ली के मूल उच्च न्यायालय पंजाब और हरियाणा के वर्तमान और सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के साथ-साथ अधिवक्ता, परिवार और मित्र भी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए.

12 अप्रैल को केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय ने मुख्य न्यायाधीश ताशी रबिस्तान की सेवानिवृत्ति के कुछ दिनों बाद न्यायमूर्ति पल्ली को जम्मू और कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के संबंध में अधिसूचना जारी की गई थी. न्यायमूर्ति रबिस्तान 9 अप्रैल को सेवा से सेवानिवृत्त हुए और तदनुसार न्यायमूर्ति संजीव कुमार तब से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं.

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 4 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पल्ली की सिफारिश की थी.

जाने कौन हैं न्यायमूर्ति अरुण पल्ली?

18 सितंबर 1964 को जन्मे न्यायमूर्ति अरुण पल्ली ने वाणिज्य में स्नातक किया और 1988 में चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की उपाधि प्राप्त की. उन्हें 1 सितंबर 2004 को पंजाब के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया गया, इस पद पर वे मार्च 2007 तक रहे. पल्ली को 26 अप्रैल 2007 को वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था. उन्होंने उच्च न्यायालय के समक्ष विभिन्न विवादास्पद मामलों में एमिकस क्यूरी के रूप में कार्य किया. उन्होंने डिवीजन और फुल बेंच के समक्ष विविध विषयों और महत्वपूर्ण कानूनी प्रस्तावों वाले मामलों को निपटाया. वे सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष भी पेश हुए और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में भी कई महत्वपूर्ण मामलों पर बहस की.

उन्हें 28 दिसंबर 2013 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की खंडपीठ में पदोन्नत किया गया था. वे 31 मई 2023 से हरियाणा राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे और उन्हें 31 अक्टूबर 2023 को दो वर्ष के लिए राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) के शासी निकाय के सदस्य के रूप में नामित किया गया था.

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