लद्दाख: श्योक टनल सहित 125 प्रोजक्ट्स का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्घाटन किया, BRO की तारीफ की

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

लद्धाख: रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने  लद्दाख की श्योक टनल से बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइज़ेशन (BRO) के रणनीतिक तौर पर अहम 125 महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करते हुए इन्हें राष्ट्र को समर्पित किया.  इन प्रोजेक्ट्स में 93 पुल और 28 सड़कें, 04 अलग-अलग स्ट्रेटेजिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स शामिल थे, जो 07 राज्यों और 02 केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं. ये प्रोजेक्ट्स लद्दाख और जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मिजोरम राज्य में हैं.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा…

इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऊंचाई वाले, बर्फीले, रेगिस्तानी और बाढ़ के इलाकों में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के काम की तारीफ की. रक्षा मंत्री ने कहा कि अपग्रेडेड इंफ्रास्ट्रक्चर से सैनिकों की आवाजाही में काफी सुधार होगा और दूर-दराज के बॉर्डर इलाकों में रहने वाले लोगों को फायदा होगा.

उन्होंने कहा कि इतने अलग-अलग और मुश्किल इलाकों में प्रोजेक्ट्स को पूरा करना BRO की ऊंचाई वाले, बर्फीले, रेगिस्तानी, बाढ़ वाले और घने जंगल वाले इलाकों में काम करने की बेजोड़ क्षमता को दिखाता है. अपग्रेड किए गए इंफ्रास्ट्रक्चर ने दूर के गांवों, बॉर्डर पोस्ट और आगे की मिलिट्री लोकेशन तक लास्ट-माइल कनेक्टिविटी में काफी सुधार किया है, जिससे ये इलाके देश की मुख्य धारा के करीब आ गए हैं.

सभा को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि BRO देश के सबसे दूर-दराज और मुश्किल इलाकों को जोड़कर देश बनाने में सबसे आगे रहा है. सरकार के देश की सुरक्षा और विकास के लिए पक्के इरादे पर जोर देने से, इन स्ट्रेटेजिक रूप से जरूरी प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा किया जा रहा है, जिससे आर्म्ड फोर्सेज की ऑपरेशनल मोबिलिटी बहुत बढ़ेगी, लॉजिस्टिक्स बेहतर होंगे और बॉर्डर इलाकों में सोशियो-इकोनॉमिक डेवलपमेंट में तेजी आएगी.

रक्षा मंत्री ने देश की सेवा में मुश्किल इलाकों और मुश्किल मौसम में काम करने के लिए BRO के जवानों के समर्पण, हिम्मत और प्रोफेशनलिज़्म की भी तारीफ की. इसी वर्ष की शुरुआत में 07 मई 2025 को BRO के 66वें स्थापना दिवस के मौके पर  रक्षा मंत्री ने 50 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का वर्चुअली उद्घाटन किया था और पिछले दो वर्षों में ही, BRO ने देश को कुल 356 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स समर्पित किए हैं, जो स्ट्रेटेजिक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है.

जाने किस राज्य में कितने रोड प्रोजेक्ट्स

सड़क प्रोजेक्ट्स में जम्मू-कश्मीर में 02, लद्दाख में 08, राजस्थान में 04, अरुणाचल प्रदेश में 10, सिक्किम में 02, पश्चिम बंगाल में 01 और मिजोरम में 01 शामिल हैं, जिससे देश के कुछ सबसे मुश्किल इलाकों में कनेक्टिविटी में काफी सुधार हुआ है. इन पुलों में जम्मू और कश्मीर में 20, लद्दाख में 28, उत्तराखंड में 7, हिमाचल प्रदेश में 7, अरुणाचल प्रदेश में 20, सिक्किम में 8, पश्चिम बंगाल में 1 और मिजोरम में 2 पुल शामिल हैं.

लद्दाख में स्ट्रेटेजिक सड़क पर 920 मीटर की कट एंड कवर श्योक टनल

जिन खास स्ट्रेटेजिक कामों का उद्घाटन किया गया, उनमें लद्दाख में स्ट्रेटेजिक सड़क पर 920 मीटर की कट एंड कवर श्योक टनल शामिल है, जो लैंडस्लाइड और एवलांच वाले इलाकों में बिना रुकावट आने-जाने को पक्का करती है. 3D प्रिंटेड HAD कॉम्प्लेक्स ने मॉडर्न डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर में भारत की टेक्नोलॉजिकल तरक्की को दिखाया. 125 प्रोजेक्ट्स में से ज़्यादातर प्रोजेक्ट्स नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में पूरे हुए, जिससे पूर्वी सीमाओं पर इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी और स्ट्रेटेजिक तैयारी में सुधार हुआ.

अरुणाचल प्रदेश में सेला-चबरेला-BJG रोड और शुंगेस्टर-सुलुला रोड जैसी सड़कों के साथ-साथ लुमला I और II ब्रिज और शुंगेत्सर I और II ब्रिज जैसे पुलों ने आगे के इलाकों तक पहुंच को बेहतर बनाया और तवांग के लिए जरूरी दूसरी कनेक्टिविटी दी. सिक्किम में कालेप-गायगोंग रोड और रबाम चू और संकलांग जैसे पुलों ने आपदा के बाद कनेक्टिविटी को मजबूत किया और आगे की चौकियों तक बिना किसी रुकावट के पहुंच सुनिश्चित की. मिज़ोरम में लॉन्गतलाई-डिल्टलांग-परवा एक्सिस पर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया गया, जिसमें तुइचांगलुई और गौसन ब्रिज शामिल हैं, जिससे दूर के बॉर्डर वाले गांवों तक कनेक्टिविटी बढ़ी है और भारत-म्यांमार और भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर लॉजिस्टिक्स मजबूत हुआ.

DS DBO रोड  256 किलोमीटर के लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के इलाके को जोड़ता हुआ और सबसे महत्वपूर्ण रास्ता है. इसके एक तरफ़ कराकोरम रेंज है, जहां से करीबन 30-35 किलोमीटर की दूरी पर चीन है. चीन अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर को लगातार बढ़ा रहा है, लेकिन  बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने भी लगातार तैयारी की है, ताकि इस समय जब माहौल दोनों देशों के बीच स्थिर है, उसके बावजूद भी  भारत अपने आधुनिकीकरण के साथ सेना और स्थानीय लोगों के लिए सहुलियत प्रदान कर सके.

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