मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना इन दिनों भारत की चार दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं. इस दौरान मंगलवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की. सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर पीएम मोदी ने लिखा, राष्ट्रपति खुरेलसुख का दिल्ली में स्वागत करके और उनके साथ विस्तृत वार्ता करके मुझे खुशी हुई. उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और मंगोलिया अपने राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे कर रहे हैं और हमारी रणनीतिक साझेदारी का एक दशक पूरा हो रहा है.
Happy to have welcomed President Khurelsukh and held extensive talks with him in Delhi today. His visit comes at a time when India and Mongolia are marking 70 years of diplomatic ties and a decade of our Strategic Partnership. We agreed to keep working together to further amplify… pic.twitter.com/FeIsEJxYh9
— Narendra Modi (@narendramodi) October 14, 2025
पीएम मोदी ने कहा, हम वैश्विक दक्षिण की आवाज को और मजबूत करने और वैश्विक समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करते रहने पर सहमत हुए. हमारी वार्ता में जिन क्षेत्रों पर प्रमुखता से चर्चा हुई, उनमें ऊर्जा, कौशल विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, महत्वपूर्ण खनिज, दुर्लभ मृदा, कृषि आदि शामिल हैं. उन्होंने आगे कहा, सांस्कृतिक बंधन भारत-मंगोलिया मैत्री के मूल में हैं. इस संबंध में हमने भारत से भगवान बुद्ध के दो शिष्यों के पवित्र अवशेषों को मंगोलिया भेजने, गंडन मठ में संस्कृत शिक्षण की क्षमता बढ़ाने, पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण के मंगोलिया के प्रयासों का समर्थन करने आदि जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगोलियाई राष्ट्रपति का किया स्वागत
राष्ट्रपति खुरेलसुख की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत और मंगोलिया नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल परिवर्तन, शिक्षा और पारंपरिक चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग को और गहरा करने की दिशा में प्रयासरत हैं. इसी क्रम में, मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में मंगोलियाई राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना का औपचारिक स्वागत किया. उन्होंने उनके सम्मान में एक राजकीय भोज का आयोजन किया.
यह यात्रा भारत और मंगोलिया के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. अपनी बैठक के दौरान दोनों ने द्विपक्षीय सहयोग, विशेष रूप से विकास साझेदारी, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और लोगों के बीच संबंधों के क्षेत्रों में, बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
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