New Delhi: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आज विश्व भारतीय सैनिकों की वीरता और क्षमता को स्वीकार कर रहा है. ऑपरेशन सिंदूर ने स्पष्ट संकेत दिया है कि हम शांतिप्रिय राष्ट्र हैं जो किसी देश को उकसाते नहीं लेकिन यदि कोई उकसाये तो उसे बख्शा भी नहीं करते हैं. रक्षा मंत्री मंगलवार को गुजरात के वडोदरा में आयोजित सरदार सभा को संबोधित कर रहे थे. यह सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के तहत मेरा युवा (एमवाई) भारत द्वारा आयोजित एकता मार्च का हिस्सा था.
पटेल ने हमेशा संवाद के जरिए समस्याओं को सुलझाने की कोशिश की
राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर इस बात का सबूत है कि भारत उन लोगों को करारा जवाब देता है जो शांति और सद्भाव की भाषा नहीं समझते. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई की तुलना सरदार वल्लभभाई पटेल की सुदृढ़ इच्छाशक्ति और नेतृत्व से की. उन्होंने कहा कि पटेल ने हमेशा संवाद के जरिए समस्याओं को सुलझाने की कोशिश की लेकिन जरूरत पड़ने पर कभी भी साहसी रास्ता चुनने में हिचकिचाए नहीं.
ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम देने की सराहना
जैसा कि हैदराबाद को भारत में विलय के मामले में हुआ था. रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए सशस्त्र बलों के साहस और समर्पण की सराहना की. राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल को देश को एक करने में अहम योगदान देने वाला बताया. कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक भारत, श्रेष्ठ भारत का उनका सपना और मजबूत हुआ है. अनुच्छेद 370 के निरसन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस निर्णय ने जम्मू.कश्मीर को देश की मुख्यधारा में पूरी तरह से जोड़ दिया.
भारत एक बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की दिशा में अग्रसर
रक्षा मंत्री का कहना है कि सरकार सरदार पटेल द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चल रही है जिसके परिणामस्वरूप एक समय संदेहों से घिरा भारत आज अपनी शर्तों पर विश्व से संवाद कर रहा है. उन्होंने कहा कि आज पूर्व की तुलना में अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की बात ध्यानपूर्वक सुनी जाती है. भारत एक बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है.
सरदार पटेल अमूल्य योगदान का परिणाम
यह सरदार पटेल अमूल्य योगदान का परिणाम है. 2014 से पहले भारत विश्व की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी और आज यह चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तथा शीघ्र ही शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगी.
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