Odisha Train Accident: हे ईश्वर किसी को इतनी भी पीड़ा न दीजिए…

Odisha Train Accident: हे ईश्वर किसी को इतनी भी पीड़ा न दीजिए कि वह सहन न कर पाए। किसी के घर अगर किसी एक की आकस्मिक मौत हो जाती है तो परिवार के लोगों का कलेजा फट जाता है, यहां तो तूने एक साथ तीन भाइयों की जिंदगी छीन लीं। इनके परिवार के लोगों को इस मुसीबत में डाल दिया कि कौन किसे कंधा देगा। ट्रेन में सफर के बीच दबे पांव जो काल आई है, उसे यह परिवार ताउम्र नहीं भुल पाएगा। कुछ इसी तरह की बातें कर रहे थे पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के चरनीखली गांव के लोग। मालूम हो कि इस गांव के तीन भाइयों की जिंदगी ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना की भेंट चढ़ गई। मृतकों के घर जहां कोहराम मचा हुआ है, वहीं गांववासी शोक के सागर में डूबे हुए हैं।

जानकारी के अनुसार, काम की तलाश में तमिलनाडु जाते समय पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के तीन भाइयों की ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन हादसे में मौत हो गई। उनकी पहचान चरनीखली गांव निवासी हरन गायेन (40), निशिकांत गायेन (35) और दिबाकर गायेन (32) के रूप में हुई है। साल के ज्यादातर समय तीनों भाई तमिलनाडु में रहते थे। वे वहां छोटे-मोटे काम करते थे।

मौत से गांव में पसरा मातम

तीनों भाई कुछ दिन पहले घर आए थे और इस बार खेतिहर मजदूर के रूप में काम की तलाश में कोरोमंडल एक्सप्रेस से वापस तमिलनाडु जा रहे थे, लेकिन इसी बीच ट्रेन हादसे के रूप में आई काल तीनों की जिंदगी लील गई। तीनों भाइयों की मौत की सूचना मिलते ही एक तरफ जहां घर में कोहराम मच गया, वहीं गांववासी शोक में डूब गए।

अब कैसे होगा बीमार अंजिता का इलाज

स्थानीय लोगों ने बताया कि हरन की पत्नी अंजिता बीमार रहती हैं। उन्होंने कहा कि पति की मौत के बाद अब अंजिता का उपचार कैसे होगा, सभी के मन में यह सवाल उठ रहा है। उनके परिवार में दो विवाहित बेटियां और एक बेटा है। बेटे ने हाल ही में काम करना शुरू किया है। वह एक स्थानीय भोजनालय में काम करता है। बेटे अभिजीत ने कहा कि इस ट्रेन हादसे की वजह से मेरे पिता और चाचा अब इस दुनिया में नहीं रहे, इस हादसे से हमारा परिवार तबाह हो गया है।

बच्चों के सिर से उठा पिता का साया

निशिकांत के परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटी और एक बेटा है। वे दोनों नाबालिग हैं। दिबाकर के घर में दो बेटे और उनकी पत्नी हैं। लोग घटना की चर्चा करते हुए कहते रहे कि बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। अब उनका पालन-पोषण कैसे होगा।

अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार की शाम को हुई इस दुर्घटना में जिले के 12 लोगों की मौत हुई है। इस दौरान 110 लोग घायल हुए हैं, 44 लापता हैं और 16 अब तक अपने घर लौट चुके हैं। मृतकों में तीन भाइयों सहित छह लोग बसंती प्रखंड के हैं, दो काकद्वीप और एक-एक जॉयनगर-2, बरुईपुर, कैनिंग-1 और मगराहाट-1 प्रखंड के हैं।

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