प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान के बांसवाड़ा में 2800 मेगावाट क्षमता वाली परमाणु ऊर्जा परियोजना की आधारशिला रखने जा रहे हैं. प्रदेश में यह परियोजना रावतभाटा के बाद दूसरी परमाणु ऊर्जा परियोजना होगी, जो देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है. अपने राजस्थान प्रवास के दौरान पीएम मोदी बांसवाड़ा में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी नोएडा भी जाएंगे, जहां वे उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 का शुभारंभ करेंगे. इस अवसर पर वे मेक इन इंडिया, वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को आगे बढ़ाने पर जोर देंगे.
नोएडा कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री मोदी का बांसवाड़ा दौरा
नोएडा में कार्यक्रम संपन्न करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर करीब 1:45 बजे राजस्थान के बांसवाड़ा पहुंचेंगे। यहां वे 2800 मेगावाट माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना की आधारशिला रखेंगे. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी 1,22,100 करोड़ रुपये की लागत से जुड़ी विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री 50 कुसुम योजना लाभार्थियों से भी संवाद करेंगे। इनमें महाराष्ट्र के 6 लाभार्थी ऑनलाइन जुड़ेंगे, जबकि राजस्थान की 6 महिला किसान प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित रहेंगी. ये महिलाएं अपने खेतों में कुसुम योजना के तहत सौर ऊर्जा का सफलतापूर्वक उपयोग कर रही हैं.
बांसवाड़ा में इन विकास कार्यों का उद्घाटन-शिलान्यास
- 800 मेगावाट माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना
- 90 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजना
- 5.5 गीगावाट ट्रांसमिशन लाइनें
- सड़कों और फ्लाईओवर के उद्घाटन के साथ ही बीकानेर से दिल्ली तक वंदे भारत एक्सप्रेस को भी दिखाएंगे झंडी
- जोधपुर से दिल्ली तक एक और वंदे भारत एक्सप्रेस भी चलेगी चित्तौड़गढ़ से उदयपुर तक एक एक्सप्रेस ट्रेन भी शुरू होगी.
- राजस्थान की विकास परियोजनाओं की झांकी
राजस्थान की विकास परियोजनाओं की झांकी
यह राजस्थान सरकार की बड़ी विकास परियोजनाओं की झांकी है, जो बांसवाड़ा में आयोजित की जा रही है. भाजपा दक्षिण राजस्थान के आदिवासी इलाके में यह सौगात देने जा रही है, जो गुजरात और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है. जहां प्रधानमंत्री माही बजाज सागर परियोजना पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र की आधारशिला रख रहे हैं.
यह परमाणु ऊर्जा परियोजना इस पिछड़े आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिए है, जहां हाल ही में आदिवासी पहचान की राजनीति में फिर से सक्रियता देखी गई है. राजस्थान की दूसरी परमाणु ऊर्जा परियोजना न केवल भाजपा को विकासवादी राजनीति पर केंद्रित करने में मदद करेगी, बल्कि दक्षिण राजस्थान में बीएपी जैसे क्षेत्रीय दलों की बढ़ती लोकप्रियता का भी जवाब है, जिसने कांग्रेस और भाजपा दोनों के वोट बैंक को नुकसान पहुंचाया है.