अब America में ही किया जा सकेगा H1B वीजा का नवीनीकरण, पढ़े PM Modi के भाषण की दस बड़ी बातें…

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PM Modi:  वाशिंगटन डीसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुप्रतीक्षित संबोधन अंतर्राष्ट्रीय गायिका मैरी मिलबेन (Mary Millben) द्वारा भारत का राष्ट्रगान प्रस्तुत करने के साथ शुरू हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की अपनी राजकीय यात्रा के बाद जब अपना अलविदा भाषण देने पहुंचे, तो ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे गूंज उठे. पीएम मोदी ने बड़ी संख्या में आने के लिए समुदाय को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘एक तरह से आपने इस हॉल में भारत का पूरा नक्शा तैयार किया है. मैं यहां भारत के हर कोने से आए लोगों को देख सकता हूं. ऐसा लगता है कि एक मिनी इंडिया खड़ा हो गया है. अमेरिका में रहने के दौरान मुझे अभूतपूर्व प्यार और स्नेह मिला है.’ आइए जानते है प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की कुछ बड़ी बातें…

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  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अपने संबोधन में कहा, ‘मुझे अमेरिका (America) आए 4 दिन हो गए हैं, इन 4 दिनों में राष्ट्रपति बाइडेन सहित बहुत से लोगों से मिला हूं. जिस एक बात ने मुझे सबसे ज्यादा विश्वास दिया है, वो है भारत और अमेरिका की पार्टनरशिप. हमारी पार्टनरशिप 21वीं सदी की दुनिया का भाग्य बदल सकती है. हर देश की विकास यात्रा में एक ऐसा समय आता है, जब वो एक नई ऊर्जा के साथ एक नया लक्ष्य तय करता है. आज भारत भी एक ऐसे ही समय से गुजर रहा है.’
  2. पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘हमारी आजादी के 75 वर्ष पूरे हुए और हम, भारत के 140 करोड़ लोगों ने एक विकसित भारत का संकल्प लिया. हम दशकों से चली आ रही समस्याओं का स्थायी समाधान दे रहे हैं…हम भारत के गरीबों को सशक्त बना रहे हैं. हम जीवन की सुगमता में सुधार कर रहे हैं.’
  3. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘महामारी के बाद की दुनिया में, अर्थव्यवस्था, मुद्रास्फीति और आपूर्ति श्रृंखला अच्छी स्थिति में नहीं हैं. हालाकि, इन सबके बीच भारत 7 प्रतिशत से ज्यादा की विकास दर के साथ आगे बढ़ रहा है. यह अपने आप नहीं हुआ है. आज भारत में सुधारों का दौर चल रहा है.’
  4. उनहोंने कहा, ‘हमने राजकोषीय घाटे और लगातार बढ़ते पूंजीगत व्यय पर काबू पा लिया है. हमारा निर्यात और विदेशी मुद्रा बढ़ रहा है. इसके अलावा हम एफडीआई में नए रिकार्ड बना रहे हैं. पिछले 2 वर्ष में अमेरिकी कंपनियों ने भारत में करीब 16 अरब डॉलर का निवेश किया है.’
  5. उन्‍होंने आगे कहा, ‘डिफेंस सेक्टर में भारत और अमेरिका के पार्टनरशिप को मेरी इस विजिट में एक नई ऊंचाई मिली है. कल जब मैंने कांग्रेस में इस बारे में बात की थी, तो पूरे सदन में तालियों की गड़गड़ाहट रूकने का नाम नहीं ले रही थी.’
  6. पीएम ने आगे कहा, ‘भारत और अमेरिका की ये पार्टनरशिप दोनों देशों के हित में है. दोनों देशों के लोगों के हित में भी है. इसलिए इसको मजबूत करना भी उतना ही आवश्यक है. इसके लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं. इन दिनों में भारत-अमेरिका के भविष्य को लेकर ठोस बातें हुई हैं. हमने स्पष्ट रणनीति पर चलना तय किया है. दोनों देशों की कंपनियों को, बिजनेस को, मैन्युफेक्चरर्स को, इनोवेटर्स को सीधा संदेश है- यही समय है.’
  7. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा ‘मुझे खुशी है कि भारतीय कंपनियां अमेरिका में अरबों डॉलर का निवेश कर रही हैं. भारतीय कंपनियां वैश्विक स्तर पर जा रही हैं. भारतीय कंपनियां अमेरिका के कई राज्यों में काम कर रही हैं और इससे अमेरिका के युवाओं और किसानों को फायदा होगा. अमेरिका और भारत की साझेदारी दोनों देशों के हित में है और दोनों देशों के लोगों के हित में है.’
  8. पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘100 साल के सबसे बड़े संकटकाल में इस पैंडेमिक में भी हमने यही देखा कि जब दुनिया को दवाइयों की जरूरत थी, भारत ने अपना प्रोडक्शन बढ़ाकर 150 से ज्यादा देशों को दवाइयां भेजी. वो भी उस समय, जब घर से बाहर निकलने के लिए भी दुनिया डरती थी. दुनिया को कोरोनो वैक्सीन की जरूरत थी, भारत ने अपना प्रोडक्शन बढ़ाकर 100 से ज्यादा देशों को वैक्सीन पहुंचाई थी. हमारा दिल बड़ा है, विश्व शांति के प्रति हमारा प्रतिबद्धता उसे भी बड़ा है.’
  9. उन्‍होंने कहा, ‘आज भारत में हर सप्ताह एक नई यूनिवर्सिटी बन रही है, आज भारत में हर तीसरे दिन एक अटल टिंकरिंग लैब खोली जा रही है. आज भारत में हर दो दिन में एक नया कॉलेज बन रहा है, आज भारत में हर दिन एक नई आईटीआई की स्थापना हो रही है, आज भारत में हर साल एक नया आईआईटी और एक नया आईआईएम बन रहा है.’
  10. पीएम मोदी ने कहा कि अब अहमदाबाद और बेंगलुरु में भी अमेरिका के नए वाणिज्य दूतावास खुलने जा रहे हैं. अब यह निर्णय लिया गया है कि H1B वीजा का नवीनीकरण अमेरिका में ही किया जा सकेगा. उन्‍होंने कहा, भारत में गूगल का AI रिसर्च सेंटर 100 से ज़्यादा भारतीय भाषा पर काम करेगा, इससे भारत में ऐसे बच्चों को पढ़ने में आसानी होगी, जिनकी मातृभाषा अंग्रेजी नहीं है. दूसरी यह कि भारत सरकार की मदद से यहां यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन में तमिल स्टडी चेयर की स्थापना की जाएगी.

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