प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 अक्टूबर को सुबह 11 बजे नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की युवा-केंद्रित योजनाओं का शुभारंभ करेंगे. यह महत्वाकांक्षी पहल शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है, जिसमें बिहार को विशेष रूप से प्राथमिकता दी गई है. इस अवसर पर चौथे राष्ट्रीय कौशल दीक्षांत समारोह का भी आयोजन किया जाएगा. समारोह के दौरान, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के 46 अखिल भारतीय टॉपर्स को सम्मानित किया जाएगा.
पीएम-सेतु: आईटीआई का कायाकल्प
PM SETU (प्रधानमंत्री स्किलिंग एंड एम्प्लॉयबिलिटी ट्रांसफॉर्मेशन थ्रू अपग्रेडेड आईटीआई) योजना का शुभारंभ भी प्रधानमंत्री मोदी करेंगे, जिसमें 60,000 करोड़ रुपये के निवेश से देशभर के 1,000 सरकारी आईटीआई का उन्नयन किया जाएगा. यह योजना हब-एंड-स्पोक मॉडल पर आधारित है, जिसमें 200 हब और 800 स्पोक आईटीआई शामिल होंगे. प्रत्येक हब औसतन चार स्पोक से जुड़ा होगा, जिसमें आधुनिक बुनियादी ढांचा, डिजिटल लर्निंग सिस्टम और इनक्यूबेशन सुविधाएं होंगी. उद्योग भागीदार इन क्लस्टरों का प्रबंधन करेंगे, जिससे बाजार की मांग के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण सुनिश्चित होगा. पहले चरण में पटना और दरभंगा के आईटीआई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. यह योजना विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक के वैश्विक सह-वित्तपोषण के साथ भारत के आईटीआई पारिस्थितिकी तंत्र को नया रूप देगी.
बिहार में शिक्षा-कौशल क्रांति परियोजना
बिहार के युवाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से कई परिवर्तनकारी योजनाएं शुरू की जाएंगी. मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के तहत प्रतिवर्ष 5 लाख स्नातक युवाओं को दो वर्ष तक ₹1,000 प्रति माह का भत्ता तथा नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. इसके साथ ही, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को नया स्वरूप दिया गया है. इस योजना के अंतर्गत छात्रों को अधिकतम ₹4 लाख तक का ब्याज-मुक्त शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाएगा. अब तक 3.92 लाख से अधिक छात्रों को इस योजना के माध्यम से ₹7,880 करोड़ से अधिक के ऋण वितरित किए जा चुके हैं. युवाओं की भागीदारी को संस्थागत रूप देने के लिए 18 से 45 वर्ष की आयु के लोगों के लिए बिहार युवा आयोग की स्थापना की जाएगी. यह आयोग राज्य की युवा शक्ति को दिशा देने और उनकी संभावनाओं को वास्तविकता में बदलने का कार्य करेगा.
कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय खुलेगा
प्रधानमंत्री बिहार में जन नायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय का उद्घाटन करेंगे, जो उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रम और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करेगा. यह विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कार्यबल तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
चार विश्वविद्यालयों का नवीनीकरण होगा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री बिहार के चार विश्वविद्यालयों – पटना विश्वविद्यालय, भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय (मधेपुरा), जय प्रकाश विश्वविद्यालय (छपरा) और नालंदा ओपन विश्वविद्यालय (पटना) – में 160 करोड़ रुपये की लागत से नए शैक्षणिक और अनुसंधान सुविधाओं की आधारशिला रखेंगे. ये परियोजनाएं 27,000 से अधिक छात्रों को आधुनिक प्रयोगशालाओं, छात्रावासों और बहु-विषयक शिक्षा से लाभान्वित करेंगी. इसके साथ ही, एनआईटी पटना के बिहटा कैंपस का उद्घाटन होगा, जिसमें 6,500 छात्रों की क्षमता, 5जी यूज केस लैब, इसरो के सहयोग से क्षेत्रीय शैक्षणिक केंद्र और 9 स्टार्टअप्स को समर्थन देने वाला इनोवेशन सेंटर शामिल है.
व्यावसायिक कौशल लैब और नियुक्तियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित 400 नवोदय विद्यालयों और 200 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों में स्थापित 1,200 व्यावसायिक कौशल प्रयोगशालाओं का उद्घाटन करेंगे. ये अत्याधुनिक लैब्स 12 उच्च मांग वाले क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करेंगी, जिससे छात्रों को भविष्य के उद्योगों के अनुरूप कौशल विकसित करने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही, बिहार सरकार के 4,000 से अधिक नवचयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे. वहीं, कक्षा 9वीं और 10वीं के लगभग 25 लाख छात्रों को 450 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की जाएगी। पहल शिक्षा, कौशल और उद्यमिता को एकीकृत कर भारत के युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करेंगी. बिहार को कुशल जनशक्ति का केंद्र बनाकर, ये योजनाएं क्षेत्रीय और राष्ट्रीय विकास में योगदान देंगी.