Rewa Borewell Rescue: जिंदगी की जंग हारा मयंक, 45 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी नहीं बच सकी जान

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Rewa Borewell Rescue: मध्यप्रदेश के रीवा जिले में बोरवेल में गिरे मयंक को बाहर निकाल लिया गया है. मयंक को सीधे हॉस्पिटल भेजा गया. लेकिन मासूम मयंक की जान नहीं बच सकी. मासूम मयंक के मौत से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है.

जानिए पूरा मामला

बता दें कि रीवा जिले के त्योंथर क्षेत्र के मनिका गांव में शुक्रवार दोपहर को गेंहू के खेत में खेलते-खेलते अचानक 6 साल का मयंक आदिवासी खुले बोरवेल में गिर गया था. बच्चे की जान बचाने लिए पुलिस और प्रशासन की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही थी. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम बोरवेल के पास खुदाई कर रही थी. 45 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मयंक को निकाला गया. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम बोरवेल के पास खुदाई कर रही थी. टीम ने सफेद चादर में ढंकी हुई मासूम की बॉडी बोरवेल से बाहर निकाली. जिसे एंबुलेंस से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. जहां उसकी मौत की पुष्टि की गई है.

Rewa Borewell Rescue: जिंदगी की जंग हारा मयंक, 45 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी नहीं बच सकी जान

नहीं बच सकी जान

ज्ञात हो कि मासूम के बोरवेल में गिरने के बाद से परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था. अपने बेटे की याद में मां बेसुध थी, तो वहीं दादी की आंखें भी पोते को खोज रही थी. ग्रामीण भी लगातार मौके पर डंटे हुए थे. पुलिस के साथ प्रशासन की टीम भी मासूम को सही सलामत बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी, लेकिन फिर भी बच्चे की जान नहीं बच पाई.

परिजनों ने लगाया ये आरोप

बताया जा रहा है कि खेत में मौजूद ये बोरवेल 3 साल से खुला पड़ा है. पानी न मिलने के चलते इसके मालिक हीरामणि मिश्रा ने इसे खुला छोड़ दिया था. परिजनों का आरोप है कि खेत के मालिक ने मयंक को बोरवेल में गिरते देख लिया था, फिर भी यह बात किसी को बताई नहीं.

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