भारत के सबसे लंबे ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल सुरंग रूट का काम पूरा, जानें कब शुरू होगा परिचालन

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Rishikesh–Karnaprayag Rail tunnel: भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग बनकर तैयार हो चुका है. 14.57 किलोमीटर लंबी यह सुरंग जनस्यू से देवप्रयाग के बीच है, जिसे उत्तराखंड के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. इस प्रोजेक्ट की सफलता का श्रेय सुरंग खोदने वाली मशीन (टीबीएम) ऑपरेटरों को दिया जा रहा है, जिन्होंने हिमालय की कठिन और दुर्गम भू-भाग में दिन-रात मेहनत की है.

एक अनुभवी TBM ऑपरेटर 44 वर्षीय बलजिंदर सिंह ने इस काम को वास्तव में रोलर कोस्टर राइड बताया. उन्होंने कहा कि हम आमतौर पर टीबीएम को 50,000 से 60,000 किलो न्यूटन की शक्ति से चलाते हैं, लेकिन इस दौरान मुझे मशीन की पूरी ताकत यानी 130,000 किलो न्यूटन लगानी पड़ी, जिससे की मलबा हटाया जा सके.

निर्माण के दौरान अचानक हुआ भूस्खलन

दरअसल, निर्माण कार्य के दौरान सबसे बड़ी चुनौती अचानक आई भूस्खलन थी, जिसने पहाड़ के अंदर 3.5 किलोमीटर की दूरी पर मार्ग को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया था. इस बाधा को दूर करने के लिए लगभग 10 दिनों तक लगातार 12 घंटे के शिफ्ट में काम किया गया. जब ब्लॉकेज साफ हुआ तो पूरी टीम के लिए यह राहत और खुशी का पल था.

पहली बार हिमालय में टीबीएम का इस्तेमाल

अधिकारियों के मुताबिक, यह हिमालयी क्षेत्र में पहली बार था जब रेलवे परियोजना के लिए टीबीएम मशीनों का उपयोग किया गया. बता दें कि यह सुरंग 125 किलोमीटर लंबे ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल लिंक प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है, जिसे रेल विकास निगम लिमिटेड के तहत बनाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत दिसंबर 2026 तक होने की संभावना है.

यह सुरंग हिमालयी कठिन इलाकों से गुजरती हुई कई जिलों जैसे- चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल और देहरादून को कनेक्ट करेगी और राज्य के मैदानी इलाकों और पहाड़ी क्षेत्रों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी.

राज्य की कनेक्टिविटी में आएगा बदलाव

अधिकारियों का कहना है कि प्रोजेक्ट के पूर्ण होने पर यह राज्य की कनेक्टिविटी में बड़ा बदलाव लाएगा, जिससे धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक रेल मार्ग से आसान पहुंच संभव होगी. इतना ही नहीं यह उत्तराखंड के अंदर और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तक कनेक्टिविटी बढ़ाने में गेम चेंजर साबित होगा.

देश की अन्य लंबी रेल सुरंग

  • पिर पंजाल रेलवे सुरंग: इसकी लंबाई 11.215 किमी है, जिसे बानीहाल-काजीगुंड रेलवे सुरंग भी कहा जाता है. यह जम्मू–बारामूला लाइन का हिस्सा है.
  • सांगलदान रेलवे सुरंग: 7.1 किमी लंबी यह सुरंग जम्मू–बारामूला लाइन के कटरा-बानीहाल सेक्शन में स्थित है.
  • रापुरु रेलवे सुरंग: आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में स्थित इस सुरंग की लंबाई 6.7 किमी है.
  • कारबुडे सुरंग: यह सुरंग महाराष्ट्र में कोकण रेलवे नेटवर्क का हिस्सा है, जिसकी लंबाई 6.5 किमी है.
  • मालिगुड़ा सुरंग: ओडिशा में स्थित इस सुरंग की लंबाई 4.42 किमी है, जिसे जापानी इंजीनियरों ने 1961-66 के बीच बनाया था.

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