सावन के तीसरे सोमवार पर शिवालयों में लगी भक्तों की कतार, ‘हर हर महादेव’ से गूंजा परिसर

Divya Rai
Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Sawan 2025: सावन महीने के तीसरे सोमवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी और ग्रेटर नोएडा के शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली. वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए पहुंचे. मंदिर परिसर ‘हर हर महादेव’ के जयघोष से गूंज उठा. मंगला आरती के बाद मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए.

स्पर्श दर्शन पर पूरी तरह से रोक

भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने व्यापक व्यवस्था की, जिसमें प्रोटोकॉल स्पर्श दर्शन पर पूरी तरह रोक लगाई गई. बाबा विश्वनाथ इस दिन अर्धनारीश्वर स्वरूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं. पुलिस और प्रशासन की कड़ी व्यवस्था के बीच भक्तों ने श्रद्धा और उत्साह के साथ बाबा भोलेनाथ की आराधना की.

Sawan 2025 का तीसरा सोमवार खास

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया, “दक्षिण भारत में उत्तर भारत के 15 दिन बाद सावन की शुरुआत होती है. इस वजह से और भी भीड़ जुटती है. सावन का तीसरा सोमवार कई मायनों में खास है. वहीं, भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं. मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस बल तैनात है और ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है. लाइन में लगकर श्रद्धालु व्यवस्थित रूप से बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर रहे हैं. भक्तों में उत्साह चरम पर है, और वे बाबा के दर्शन के लिए घंटों इंतजार करने को तैयार हैं.

श्रद्धालुओं ने बताया अनुभव

श्रद्धालु आरती ने बताया, “बाबा विश्वनाथ के दर्शन से मन को शांति मिलती है. यह अनुभव बेहद खास है.” राजू यादव ने कहा, “हर साल सावन में बाबा के दर्शन के लिए आता हूं, मेरी हर मनोकामना पूरी होती है.” ग्रेटर नोएडा के मुबारकपुर गांव स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भी सावन के तीसरे सोमवार को भक्तों का तांता लगा रहा. सुबह से ही श्रद्धालु पूजा-पाठ और जलाभिषेक के लिए पहुंचे. श्रद्धालु संजय ने बताया, “यह मंदिर बहुत प्राचीन है, और यहां बाबा से जो मांगा जाता है, वह पूरा होता है.”

‘घृष्णेश्वर’ मंदिर में जुटी भीड़

धर्मेंद्र राय ने कहा, “सावन का तीसरा सोमवार विघ्न-बाधाएं दूर करने वाला है.” प्रतिदिन मंदिर पहुंचने वाली श्रद्धालु शारदा देवी ने कहा, “रोज बाबा के दरबार में आते हैं, लेकिन सावन का यह दिन बेहद खास है.” महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में 28 जुलाई को श्रावण का पहला सोमवार है, इसीलिए सभी शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. बारह ज्योतिर्लिंगों की यात्रा में सबसे महत्वपूर्ण और अंतिम ज्योतिर्लिंग माने जाने वाले वेरुल स्थित ‘घृष्णेश्वर’ मंदिर में भक्तों की भीड़ जुटी. उत्तर भारत में 15 दिन पहले ही श्रावण की शुरुआत हो जाती है, लेकिन महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में 15 दिन बाद श्रावण शुरू होता है.

ये भी पढ़ें- सद्गति पुत्र से नहीं, स्वयं के सत्कर्मों से होती है प्राप्त: दिव्य मोरारी बापू

Latest News

ENBA Awards 2024: पुरस्कार समारोह में शामिल हुए CMD उपेन्द्र राय, दिखा ‘भारत एक्सप्रेस’ का जलवा; जीते चार अवार्ड

ENBA Awards 2024: राजधानी दिल्ली में 13 दिसंबर 2025 को आयोजित ईएनबीए अवॉर्ड्स 2024 समारोह में मीडिया जगत की हस्तियां...

More Articles Like This

Exit mobile version