1 से 7 दिसंबर तक कल्कि धाम में होगी श्रीकल्कि कथा, सिद्धि विनायक मंदिर में भगवान गणपति को निमंत्रण दिए आचार्य प्रमोद कृष्णम

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

संभल स्थित श्रीकल्किधाम में 1 दिसंबर से 7 दिसंबर 2025 तक विश्व की पहली श्रीकल्कि कथा का आयोजन होने जा रहा है. इस कथा का वाचन श्रीमद्जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज करेंगे. श्रीकल्कि कथा के शुभारंभ से पूर्व भगवान गणपति को आमंत्रित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसी क्रम में श्री कल्किपीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम बुधवार शाम 7 बजे मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी एक पोस्ट साझा किया.

आचार्य प्रमोद कृष्णम का पोस्ट

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, पूज्यपाद स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज के मुखारविंद से “श्री कल्कि पुराण” पर आधारित विश्व की प्रथम “कल्कि कथा” का निमंत्रण देने हेतु मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर की चौखट पर माथा टेकने का “सौभाग्य” प्राप्त हुआ.

यह कथा पूज्यपाद पद्मविभूषित श्रीमद् जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज के मुखारविंद से प्रस्तुत की जाएगी. उन्होंने भगवान गणेश और सिद्धि विनायक को प्रणाम करते हुए इस शुभ अवसर को साझा किया और महाराष्ट्र सरकार व मंदिर प्रशासन को साधुवाद दिया. यह आयोजन आध्यात्मिक दृष्टि से ऐतिहासिक माना जा रहा है, जिसमें धर्म और भविष्य के कल्कि अवतार की गूंज सुनाई देगी. वहीं इस दौरान सिद्धिविनायक मंदिर के कोषाध्यक्ष और मुंबई BJP के महासचिव आचार्य पवन त्रिपाठी वहां पर उपस्थित थे.

कल्कि कथा का आध्यात्मिक महत्व

यह आयोजन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत विशेष माना जा रहा है, क्योंकि यह विश्व की पहली श्रीकल्कि कथा होगी. मान्यता है कि भगवान कल्कि भविष्य के अवतार हैं, जो कलियुग के अंत में अधर्म के विनाश और धर्म की पुनर्स्थापना के लिए प्रकट होंगे. ऐसे में इस कथा का आयोजन श्रद्धालुओं के लिए असाधारण धार्मिक महत्व रखता है और इसकी आध्यात्मिक गरिमा को और बढ़ा देता है.

पीएम मोदी भी आमंत्रित

इस भव्य आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित कई गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है. श्री कल्कि भगवान के भक्तों और श्रद्धालुओं में इस कथा को लेकर गहरा उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि यह पहली बार होगा जब विश्व स्तर पर श्रीकल्कि कथा का आयोजन किया जा रहा है. वर्तमान में श्रीकल्किधाम में तैयारियाँ ज़ोरों पर चल रही हैं और उम्मीद है कि यह आयोजन धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से एक ऐतिहासिक और यादगार अवसर साबित होगा.

कल्कि कथा का आध्यात्मिक महत्व

यह आयोजन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह विश्व की पहली श्रीकल्कि कथा होगी. हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान कल्कि को भविष्य का अवतार कहा गया है, जो कलियुग के अंत में अधर्म के नाश और धर्म की पुनर्स्थापना के लिए प्रकट होंगे. ऐसे में इस कथा का आयोजन श्रद्धालुओं के लिए अत्यधिक आस्था और आध्यात्मिक महत्व रखता है.

More Articles Like This

Exit mobile version