प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिवस के अवसर पर उनके नेतृत्व में भारत की वैश्विक पहचान में आए उल्लेखनीय परिवर्तन को प्रमुखता दी जा रही है. हाल के वर्षों में भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक प्रभावशाली और सशक्त राष्ट्र के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. विशेष रूप से, G20 शिखर सम्मेलन की सफल अध्यक्षता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व चुनौतियों के समाधान में एक निर्णायक भूमिका निभाई. ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की थीम ने न केवल सम्मेलन की दिशा तय की, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की सोच और दृष्टिकोण की व्यापक सराहना भी प्राप्त की.
वैक्सीन कूटनीति और COVID-19 में भूमिका
महामारी के दौरान भारत ने ‘वैक्सीन मैत्री’ कार्यक्रम के तहत 150 से अधिक देशों को वैक्सीन पहुँचाकर अपनी जिम्मेदारी साबित की. इसने भारत को ‘दुनिया की फार्मेसी’ के रूप में स्थापित किया.
जलवायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा में अग्रणी
भारत अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की पहल के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से लड़ने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है.
शांति और कूटनीति में बढ़ती भूमिका
यूक्रेन संकट के दौरान भारत ने शांति और कूटनीति पर जोर देकर अपनी परिपक्व विदेश नीति का परिचय दिया. प्रधानमंत्री मोदी की ‘युद्ध नहीं, संवाद जरूरी है’ की अपील ने वैश्विक स्तर पर सराहना प्राप्त की.
आर्थिक साझेदारी और विकास
दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में भारत ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश को नई दिशा दी है. मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों ने वैश्विक भागीदारी को आकर्षित किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपनी वैश्विक छवि को नया आयाम दिया है और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में देश की आवाज़ मजबूत हुई है.