उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए इस दिन होगा मतदान, चुनाव आयोग ने जारी की अहम तारीखें

Raginee Rai
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Vice President Election: चुनाव आयोग ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए शेड्यूल जारी कर दिया है. ईसी द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए आवश्यकता पड़ने पर वोटिंग 9 सितंबर को होगी और इसी दिन परिणाम भी जारी हो जाएगा. अगर इस चुनाव में विपक्ष अपना उम्‍मीदवार नहीं उतारेगा, तो उपराष्‍ट्रपति निर्विरोध चुना जाएगा. उपराष्‍ट्रपति के चुनाव में मतदान गुप्‍त होगा. चुनाव आयोज की ओर से शेड्यूल जारी होने के बाद सियासी सरगर्मी तेज हो गई है.

उपराष्ट्रपति चुनाव का शेड्यूल

  • निर्वाचन आयोग ‌द्वारा चुनाव की अधिसूचना जारी करना- 07 अगस्त, 2025 (गुरुवार)
  • नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख-21 अगस्त, 2025 (गुरुवार)
  • नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख- 22 अगस्त, 2025 (शुक्रवार)
  • अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख- 25 अगस्त, 2025 (सोमवार)
  • वह तारीख, जिस दिन मतदान, यदि आवश्यक हुआ, करवाया जाएगा- 09 सितंबर, 2025 (मंगलवार)
  • मतदान का समय- पूर्वा. 00 से अप. 05.00 बजे तक
  • वह तारीख, जिस दिन मतगणना, यदि आवश्यक हुई, करवाई जाएगी- 09 सितंबर, 2025 (मंगलवार)

कितने लोग करेंगे वोटिंग?

बता दें कि बीते 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद अब नए उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव कराए जा रहे हैं. भारत के संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार, उपराष्ट्रपति को एकल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से बने निर्वाचक-मंडल द्वारा निर्वाचित किया जाता है. 17वें उपराष्ट्रपतीय निर्वाचन, 2025 के लिए निर्वाचक-मंडल में निम्न शामिल हैं:-

  • राज्य सभा के 233 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में 05 सीटें रिक्त हैं)
  • राज्य सभा के 12 मनोनीत सदस्य
  • लोक सभा के 543 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में 01 सीट रिक्त है)

चुनाव आयोग ने बताया है कि निर्वाचक-मंडल में संसद के दोनों सदनों के कुल 788 सदस्य (वर्तमान में 782 सदस्य) शामिल हैं. चूंकि, सभी निर्वाचक संसद के दोनों सदनों के सदस्य हैं, इसलिए संसद के प्रत्येक सदस्य के मत का मान एकसमान अर्थात् 1 होगा.

एकल संक्रमणीय मत पद्धति को समझें

संविधान के अनुच्छेद 66 (1) में प्रावधान है कि निर्वाचन एकल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के मुताबिक आयोजित किया जाएगा और ऐसे निर्वाचन में मतदान गुप्त मतपत्र द्वारा होगा. इस सिस्‍टम में, निर्वाचक को अभ्यर्थियों के नामों के सामने प्रिफरेंस अंकित करना होता है.Preference को भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप में, रोमन रूप में, या किसी भी मान्यता प्राप्त भारतीय भाषाओं के रूप में चिह्नित किया जा सकता है. वरीयता को केवल अंकों में चिह्नित किया जाना है और उन्हें शब्दों में निदर्शित नहीं किया जाएगा.  निर्वाचक उतने अधिमान चिह्नित कर सकता है जितनी अभ्यर्थियों की संख्या है. जबकि, मतपत्र के वैध होने के लिए पहला प्रिफरेंस चिह्नित करना अनिवार्य है, अन्य प्रिफरेंस का चिह्नह्मांकन वैकल्पिक है.

मत चिह्नित करने के लिए, आयोग विशेष पेन प्रदान करेगा. निर्वाचकों को यह पेन निर्दिष्ट अधिकारी द्वारा मतदान केंद्र में मतपत्र सौंपे जाते समय दिया जाएगा. निर्वाचकों को केवल इस विशेष पेन से मतपत्र चिह्नित करना है न कि किसी अन्य पेन से. किसी अन्य पेन का इस्‍तेमाल करके मतदान किए जाने पर मतगणना के समय मत अविधिमान्य हो जाएगा.

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