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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Varanasi: योगी सरकार की “3-डी अर्बन स्पेशियल डिजिटल ट्विन” काशी को सोलर सिटी बनाने में काफी मददगार साबित होगी। काशी का वर्चुअल प्रतिरूप विकास की नई गाथा लिखने को तैयार है। “3-डी अर्बन स्पेशियल डिजिटल ट्विन” तकनीक के इस्तेमाल से काशी का “शैडो एनालिसिस” किया जा सकेगा। इस तकनीक की मदद पीएम सूर्य घर योजना और अन्य सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट्स में मिलेगी। इस थ्री-डी जीआईएस से काशी के विकास को नया आयाम मिलेगा। इससे सुविधाओं को विकसित करने के लिए ख़ाका खींचना आसान होगा।
विकास, सुरक्षा और नागरिक सुविधाओं के साथ काशी देश का पहला शहर बन गया है, जहां नगर निगम क्षेत्र के 160 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का “3-डी अर्बन स्पेशियल डिजिटल ट्विन” बनाए जाने का कार्य “लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लिडार)” तकनीकी के माध्यम से किया गया है। इसमें काशी का कण-कण दिखेगा। इस आधुनिक तकनीक को 9 महीने में तैयार किया गया है। इस योजना की लागत लगभग 6 करोड़ से अधिक है।
सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं को भी सौर ऊर्जा के बड़े प्रोजेक्ट को लगाने में भी धूप को लेकर संशय बना रहता है। “3-डी अर्बन स्पेशियल डिजिटल ट्विन” टेक्नोलॉजी सभी दुविधाओं और संशय को ख़त्म कर देगी। वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी वासुदेवन ने बताया कि पीएम सूर्य घर योजना और सौर ऊर्जा के अन्य परियोजनाओं को लगाने में शैडो एनालिसिस तकनीक काफी मददगार होगी। किसी भी स्थान पर पड़ने वाले सूर्य की किरणों के समय की समयावधि का भी पता किया जा सकेगा। धूप और छांव की सही समयावधि की गणना प्राप्त होगी, जिससे जहां पर अधिक समय तक धूप रहेगी, वहां सोलर पैनल स्टाल किया जा सकता है।
स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट मैनेजर डॉ. संतोष कुमार त्रिपाठी ने बताया कि थ्री-डी जीआईएस में सड़कों और गलियों की इंच-इंच की माप है, जिससे विकास की योजनाओं से जुड़ा कोई भी विभाग इस 3-डी मैपिंग का इस्तेमाल करके योजनाएं बना कर धरातल पर उतार सकता है। 3-डी मैपिंग को रियल टाइम रिस्पांस के लिए भी उपयोग में लाया जाएगा। इससे कैमरे को भी जोड़े जाने की योजना है। पुलिस को क्राइम कंट्रोल, क्राउड मैनेजमेंट, जाम और यातायात की मौजूदा स्थिति का भी आकलन करने और एक्शन लेने में मदद मिलेगी। आग की घटनाओं में रेस्क्यू और एक्शन लेना आसान होगा। वेस्ट मैनेजमेंट, सीवरेज, जल प्रबंधन आदि कार्यों में मदद मिलेगा। विकास प्राधिकरण-नगर निगम को भी योजना बनाने और अवैध निर्माणों को रोकने, निगरानी, एनओसी आदि में मदद मिलेगी।