लखनऊः शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित परिवहन विभाग के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए. इस मंच से सीएम ने प्रदेश को ग्रामीण जनता सेवा का तोहफा दिया. इसके तहत लखनऊ सहित प्रदेशभर में 250 बसें संचालित की जाएंगी. प्रत्येक डिपो की 10 प्रतिशत फ्लीट जनता सेवा की होगी. ये बसें 75-80 किमी दूरी के दायरे में आने वाले गांवों तक चलेंगी. इसका किराया 20 प्रतिशत तक कम होगा. सीएम योगी ने आरटीओ कार्यालय से जुड़े 48 कामों के आवेदन के लिए डेढ़ लाख जन सुविधा केंद्रों सहित कई श्रेणियों में बसों की भी सौगात दी.
इस मौके पर सीएम योगी ने परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह की चुटकी लेते हुए कहा कि आज मंत्री जी जल्दी आ गए, हम तो सोचे थे कि 12 बजे तक आएंगे, लेकिन आज पहले आ गए. यह प्रमाण है कि परिवहन बदल रहा है. परिवहन विभाग चुनौतियों से जूझने के लिए तैयार है. फाइल लटकाने की आदत खत्म करनी होगी. समय की प्रतिबद्धता तय करनी होगी.
परिवहन विभाग हमेशा प्रदेश के अंदर समय का साथी
कुंभ और कोरोना के दौरान परिवहन विभाग ने करके दिखाया है. उस वक्त यूपी वासियों को उनके गांव तक पहुंचाया. उत्तराखंड के प्रवासी को भी पहुंचाया. चालक-परिचालकों ने सफलता पूर्वक पहुंचाया. महाकुंभ में भी परिवहन विभाग ने 45 दिन में तमाम लोगों की सेवा की. उन्हें पुण्य कमाने में मदद की. रेलवे स्टेशन से लोगों को बाहर पहुंचने में मदद की. परिवहन विभाग हमेशा प्रदेश के अंदर समय का साथी है.
सीएम योगी ने कहा कि परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाया जा रहा है. आज कई नई परियोजनाएं शुरू हो रही हैं. कामन सर्विस सेंटर पर लोग परिवहन की सेवा ले सकेंगे. आईआईटी, खड़गपुर के साथ MOU होना तकनीकी रूप से समृद्ध करेगा. 149 यात्री के लिए अहम है. यह मददगार साबित होगा. आज सात बस स्टेशन का शिलान्यास हो रहा है. 54 अन्य वर्ड क्लास स्टेशन बनेंगे.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतरी के लिए तैयार रहना होगा. सड़क सुरक्षा चुनौती है. यह हमारी ही जिम्मेदारी है. इसके लिए कोरोना की तरह ही लोगों को जागरूक करना होगा. क्योंकि, सड़क हादसों में लगातार मौते हो रही हैं. अब हमें उसे न्यूनतम स्तर पर लाना है. यदि परिवहन निगम की लापरवाही से जनहानि होती है तो आर्थिक और सामाजिक दोनों तरह की क्षति होती है.
हर तीन माह में चालक का होना चाहिए. मेडिकल फिटनेस
चालक का हर तीन माह में मेडिकल फिटनेस होना चाहिए. ये सुनिश्चित करें कि चालक अंदाजे से न चलें. क्योंकि बस में बैठे व्यक्ति की हमारी जिम्मेदारी है. इसके लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें. तत्परता दिखाएं. विभिन्न संस्थाओं को साथ जोड़ें. स्कूल-कॉलेज में जागरूक करें. बताएं कि हेलमेट से कैसे बचा सकता है. शराब कैसे जनहानि पहुंचा सकती है, ये सारी बातें लोगों को बताएं. ताकि लोगों की जान बचाई जा सके.
अच्छा है ‘नो हेलमेट… नो फ्यूल’ अभियान
मुख्यमत्री ने आगे कहा कि ‘नो हेलमेट… नो फ्यूल’ अभियान अच्छा है. इस तरह छोटे-छोटे प्रयासों की जरूरत है. सड़क सुरक्षा के लक्ष्य के लिए सभी को साथ लगना होगा. यूपी पुलिस को भी कहा है. उन्होंने एप विकसित किया है. काम किया तो परिणाम निकले हैं. जहां 18 दुर्घटनाएं होती थीं, वह तीन पर आ गई हैं. इस तरह के प्रयोग करना होगा.
परिवहन विभाग के अधिकारियों को उतरना पड़ेगा. टेंपो, रिक्शा, ट्रक के खड़े होने की जगह तय करनी होगी. यह परिवहन विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी है. नेट जीरो यानी कार्बन उत्सर्जन पर कार्य करना होगा. नगर और परिवहन विभाग मिलकर तीन लाख नई नौकरी विकसित कर सकते हैं. स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करें. कोई नाबालिग गाड़ी न चलाने पाए, यह सुनिश्चित करना होगा.
सीएम ने इन सेवाओं का भी किया शुभारंभ और उद्घाटन
इस अवसर पर सीएम योगी ने आरटीओ कार्यालय से जुड़े 48 कामों के आवेदन के लिए 1.50 लाख जन सुविधा केंद्रों का उद्घाटन भी किया. साथ ही आठ इलेक्ट्रिक एसी डबल डेकर बसों, 16 इलेक्ट्रिक बसों, एक रिट्रोफिट इलेक्ट्रिक, 10 सीएनजी बसों, दो अन्य श्रेणी की एसी बसों, टाटा कंपनी की 20 साधारण बसों, आयशर कंपनी की 43 बसों का उद्घाटन किया. साथ ही 400 बीएस-सिक्स बसों का भी शुभारंभ हुआ. परिवहन विभाग की 11 इंटरसेप्टरों को भी हरी झंडी दिखाई गई.
चालक-परिचालक में 50-50 फीसदी बांटा जाएगा कमीशन
मालूम हो कि ग्रामीण जनता सेवा की बसों के लिए अलग से रूट बनाए जाएंगे. रूट के चालक-परिचालकों को 80% लोड फैक्टर लाना होगा. इससे अधिक कमाई होने पर चालक-परिचालक में 50-50 फीसदी कमीशन बांटा जाएगा. 2.6 पैसे प्रति किमी की दर से ड्राइवर व कंडक्टर को भुगतान किया जाएगा. जिन डिपो में जो बसें 8 से 10 साल की आयु पूरी कर चुकी होंगी, उन्हीं बसों को ग्रामीण जनता सेवा में चलाया जाएगा. अभी रोडवेज बसों का किराया 1.30 रुपये प्रति किमी की दर से यात्रियों से लिया जाता है, लेकिन जनता सेवा में 1.04 रुपये प्रति किमी की दर से लिया जाएगा। 100 रुपये किराया होने पर यात्रियों को 80 रुपये ही देने होंगे.
परिवहन निगम अधिकारी बताते हैं कि सपा सरकार के कार्यकाल में लोहिया ग्रामीण बस सेवाएं चलाई गई थीं, वैसे ही मुख्यमंत्री ग्रामीण जनता सेवा चलाई जाएगी. ग्रामीणों को इससे लाभ होगा. छोटे बिजनेस करने वालों को अपना सामान बाजार तक पहुंचाना आसान होगा. फल, सब्जी और दूध आसानी से लाया और ले जाया सकेगा. किराया भी कम लगेगा.
चालक-परिचालकों को ज्यादा आर्थिक लाभ होगा
सामान्य बसों का संचालन करने पर चालक-परिचालकों को रोजाना 2.06 रुपये प्रति किमी की दर से भुगतान किया जाता है, जबकि मुख्यमंत्री ग्रामीण जनता सेवा के चालक-परिचालकों को 2.18 रुपये प्रति किमी दर से भुगतान किया जाएगा. वहीं, 26 दिनों तक लगातार बस संचालन पर इंसेंटिव मिलेगा. पांच हजार रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा. साथ ही 80 प्रतिशत से अधिक लोड फैक्टर होने पर उन्हें कमीशन भी दिया जाएगा. यानी चालक-परिचालकों को ज्यादा आर्थिक लाभ होगा.