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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मंगलवार सुबह स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों व जनप्रतिनिधियों से विकास कार्यों के बारे में फीडबैक लिया। इस दौरान वाराणसी के नियोजित विकास को लेकर व्यापक चर्चा हुई। इसमें सुगम यातायात, पर्यटन सुविधाओं के विस्तार और निर्माण कार्यों के समुचित प्रबंधन पर विशेष जोर दिया गया। वहीं अपना घर आश्रम के संचालक भी सीएम से मिले।
उन्होंने प्रभुजनों (निराश्रित-असहायजन) के रहने के लिए सरकारी भवन/ज़मीन की मांग करते हुए निराश्रितों के रहने के लिए उचित स्थान बनाया जा सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुझाव और मांग को गंभीरता से लेते हुए अपना घर आश्रम को दूसरे जिलों में भी खोलने का सुझाव देते हुए सरकार से मदद का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री से अपना घर आश्रम के संचालक के निरंजन से भी मुलाकात करवाया। डॉ के.निरंजन ने मुख्यमंत्री से निराश्रित प्रभु जनों के लिए सरकारी भवन अथवा जमीन उपलब्ध कराकर इन्हें आश्रय देने के लिए अनुरोध पत्र दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि अपना घर आश्रम वाराणसी में 400 लावारिस प्रभुजनों के सापेक्ष आज की तिथि में 600 प्रभुजन आवासित हैं।
आश्रम में जगह की नितांत कमी के कारण ये प्रभुजन जमीनों पर सोने को मजबूर हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से रमना, डाफी, सीरगोवर्धनपुर, रामनगर आदि किसी भी आश्रम के नजदीकी क्षेत्र में प्रभुजनों के आवास हेतु ग्राम सभा अथवा कोई भी खाली भूखण्ड को वाराणसी में लावारिस स्थिति में भटक रहे प्रभुजनों हेतु उपलब्ध करने का अनुरोध किया। अपना घर आश्रम के संचालक ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्रम की मांग को गंभीरता से लेते हुए अपना घर आश्रम को अन्य जिलों में खोलने का सुझाव दिया।
मंगलवार को मुख्यमंत्री से मिलने वालों में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, स्टाम्प राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, त्रिभुवन राम, डॉ. अवधेश सिंह, सुशील सिंह, विधान परिषद सदस्य डॉ. धर्मेंद्र राय आदि मौजूद रहे।