PM Modi hoisted the flag: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभिजीत मुहूर्त के शुभ समय में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराया. इस दौरान जय श्री राम के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा. इससे पहले पीएम ने सरसंघचालक के साथ सभी मंदिरों में दर्शन-पूजा की.

पीएम मोदी ने सियावर रामचंद्र के जयघोष से की सम्बोधन की शुरुआत
ध्वज फहराने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सम्बोधन की शुरुआत सियावर रामचंद्र के जयघोष के साथ किया. पीमम ने कहा कि आज संपूर्ण भारत, संपूर्ण विश्व राममय है. सदियों के घाव भर रहे हैं. सदियो की वेदना आज विराम पा रही है. सदियों का संकल्प आज सि्द्धि को प्राप्त हो रही है. आज धर्म ध्वजा की मंदिर में स्थापना हुई है. इसका भगवा रंग, सूर्य का चिन्ह, कोविदार वृक्ष राम राज्य की कीर्ति को गाता है. सत्य में ही ध्वज स्थापित है. ये धर्म ध्वज प्रेरणा बनेगा. प्राण जाए पर वचन न जाए, अर्थात जो कहा जाए, वही किया जाए.
हम ऐसा समाज बनाएं, जहां कोई गरीब न होः पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हम ऐसा समाज बनाएं, जहां कोई गरीब न हो. कोई पीड़ित ना हो. यह ध्वज युगों-युगों तक श्री राम के आदेशों और प्रेरणाओं को मानव मात्र तक पहुंचाएगा. उन्होंने हर दानवीर, श्रमवीर, कारीगर, योजनाकार, वास्तुकार का अभिनंदन किया. यही वह नगरी है, जहां से श्रीराम ने अपना जीवन पथ शुरू किया था.

हमें 2047 तक विकसित भरात का निर्माण करना ही होगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत बनाने के लिए समाज की सामूहिक शक्ति की आवश्यकता है. यहां सप्त मंदिर बने हैं. यहां निषाद राज का मंदिर बना है, जो साधन नहीं, साध्य और उसकी भवानाओं को पूजती है. यहां जटायु जी और गिलहरी की भी मूर्ति है. जो बड़े संकल्प की सिद्धि के लिए हर छोटे से छोटे प्रयास को दिखाती है. उन्हें शक्ति नहीं, सहयोग महान लगता है. आज हम भी उसी भवना से आगे बढ़ रहे हैं. आज युवा, वंचित, किसान और महिलाओं सभी का ध्यान रखा गया है. 2047 में जब हम आजादी के 100 वर्ष मनाएंगे, तब हमें 2047 तक विकसित भरात का निर्माण करना ही होगा.
हमें दूरदृष्टि के साथ काम करना होगाः पीएम
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमें वर्तमान के साथ-साथ भावी पीढ़ियों के बारे में भी सोचना है. हमें दूरदृष्टि के साथ काम करना होगा. क्योंकि जब हम नहीं थे, यह देश तब भी था, जब हम नहीं होंगे यह देश तब भी होगा. इसके लिए राम को देखना होगा. राम यानी जनता के सुख को सर्वोपरि रखना होगा. राम यानि विवेक की पराकाष्ठा. राम यानि कोमलता में दृढ़ता. राम यानि श्रेष्ठ संगति का चयन. राम यानि विनम्रता में. राम यानि सत्य का अडिग संकल्प. राम सिर्फ एख व्यक्ति नहीं एक व्यक्ति नहीं, एक मर्यादा है, एक दिशा है. यदि समाज के सामर्थ्वान बनाना है, तो हमें अपने अंदर राम को जगाना होगा. इस संकल्प के लिए आज से बेहतर दिन क्या होगा.
#WATCH | Ayodhya Dhwajarohan | PM Narendra Modi will ceremonially hoist a saffron flag on the 'shikhar' of Shri Ram Janmbhoomi Temple in Ayodhya shortly.
The flag will rise atop a Shikhar constructed in the traditional North Indian Nagara architectural style, while the… pic.twitter.com/gz8zdpX4iU
— ANI (@ANI) November 25, 2025
धर्म ध्वजा पर कोविदार वृक्षः पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि धर्म ध्वजा पर कोविदार वृक्ष. जब भरत अपनी सेना के साथ चित्रकूट पहुंची, तब लक्ष्मण ने दूर से ही अयोध्या की सेना को पहचान लिया. इसका वर्णन वाल्मीकि जी ने किया. वह कहते हैं कि जो सामने ध्वज दिख रहा है, वह अयोध्या का धर्म ध्वज है, जिस पर कोविदार वृक्ष अंकित है. यह वृक्ष याद दिलाता है कि जब हम इसे भूलते हैं, तब अपनी पहचान खो देते हैं. आज से 190 साल पहले 1835 में मैकाले नाम के एक अंग्रेज ने भारत में मानसिक गुलामी की नींव रखी. आने वाले 10 वर्षों में उसके 200 साल होने वाले हैं. हमने संकल्प लिया है कि आने वाले 10 वर्षों में हम मानसिक गुलामी की मानसिकता से मुक्ति दिलाकर रहेगें. पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन का समापन जय श्रीराम के जयघोष से किया.

